पटना एयरपोर्ट पर अगले माह से शुरू हो जायेगा नये डॉप्लर रडार का इस्तेमाल, विमान परिचालन में होगी सहूलियत
350 किमी दूर से ही यह विमानों पर गहरी नजर रखना शुरू कर देगा और बनारस या रांची पहुंचने से पहले से ही विमान पटना के रडार की पकड़ में रहेंगे.
पटना. विमान सेवा के लिए प्रयोग को लेकर अगले माह से नये डॉप्लर रडार का इस्तेमाल शुरू हो जायेगा. डीवीओआर (डॉप्लर वेरी हाइ फ्रिक्वेंसी रेंज) नाम के इस नये रडार को चार करोड़ रुपये खर्च कर लगभग छह महीने के सिविल और इलेक्ट्रिकल वर्क के बाद पूरी तरह सेट किया गया है. 350 किमी दूर से ही यह विमानों पर गहरी नजर रखना शुरू कर देगा और बनारस या रांची पहुंचने से पहले से ही विमान पटना के रडार की पकड़ में रहेंगे.
अब एसओपी के अंतर्गत पहले इसका ट्रायल और उसके बाद कमीशनिंग होनी है. अगले माह से ट्रायल शुरू हो जायेगा. इसके अंतर्गत पुराने डीवीओआर से बैंडविड्थ चेंज करके नये वाल डीवीओआर को चलाया जायेगा, ताकि विमान परिचालन में इसके परफॉर्मेंस को अलग से आंकने में सहूलियत हो. ट्रायल सफल रहने और नये डीवीओरअार के कमीशनिंग के बाद पुराने को हटा दिया जायेगा.
पुराने रडार से सिग्नल ब्रेक की बनी रहती है आशंका
अभी वर्तमान में पटना एयरपोर्ट पर जो डॉप्लर रडार लगा है, वह बेहद पुराना है. इसके कारण कई बार उसके सिग्नल डिस्टर्ब हो जाते हैं. चूंकि एयरपोर्ट पर मानक के अनुरूप दो ट्रांसमीटर लगे हैं, ताकि एक का सिग्नल डिस्टर्ब होने पर दूसरे की मदद से हवाई परिचालन को अबाधित रखा जा सके. लिहाजा काम में बड़ी समस्या नहीं आयी है.
रनवे से मानक दूरी पर लगा है नया रडार
साथ ही पुराने रडार में रनवे से उसकी दूरी कम है, क्योंकि जगह की कमी के कारण उसके एयरपोर्ट की चहारदीवारी के बगल में लगा दी गयी थी. लेकिन अब इसके लिए अलग से हवाई अड्डा की दक्षिणी दीवार और रेलवे लाइन के बीच की 45 एकड़ जमीन मिल जाने से और बिहार पशु विवि के सामने की 12 एकड़ जमीन मिल जाने से अब जगह की कमी नहीं रही है और इसे रनवे से मानक दूरी पर लगाया गया है.