बिहार समेत पूरे देश में सरकारी कर्मियों के लिए एक सितंबर, 2005 के प्रभाव से नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) लागू किया गया है. इसके लागू होने के बाद से राज्य में इस तारीख के बाद ज्वाइन करने वाले सभी कर्मियों को एनपीएस में ही रखा गया है, परंतु इस स्कीम के लागू होने के बाद भी कुछ समस्याएं कई कर्मियों के साथ मौजूद हैं. इसके मद्देनजर राज्य सरकार एनपीएस को लेकर नयी नियमावली तैयार करने जा रही है. बिहार में पहली बार इसे लेकर विशेष नियमावली तैयार की जा रही है. वित्त विभाग ने इसे लेकर मंथन शुरू कर दिया है.
आने वाले दो महीने में इस नियमावली के तैयार हो जाने की संभावना है. इसमें तमाम समस्याओं का समाधान हो जायेगा, जिससे कर्मियों के समक्ष एनपीएस में मौजूद सभी समस्याओं का हल हो जायेगा. वित्त विभाग ने इसे लेकर एक विशेष कमेटी तैयार की है. इस सात सदस्यीय कमेटी का गठन वित्त विभाग के सचिव (संसाधन) लोकेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में की गयी है.
कमेटी में उपसचिव अजय कुमार ठाकुर, उपायुक्त (वित्तीय प्रशासन) ब्रजेश, उपायुक्त (वित्तीय प्रशासन) आलोक कुमार, उपायुक्त (वित्तीय प्रशासन) राजेंद्र कुमार चंद्रवंशी, वरीय कोषागार पदाधिकारी नील कमल और प्रेम पुष्प कुमार शामिल हैं. यह कमेटी एनपीएस से जुड़ी तमाम पहलुओं की गहन अध्ययन करेगी. इसके बाद सभी उपर्युक्त बिंदुओं पर विचार करते हुए इस नियमावली को तैयार किया जायेगा.
Also Read: बिहार पुलिस को मॉडर्न बनाने की प्रक्रिया तेज, अब 112 डायल करते ही पहुंचेगी स्थानीय थाने की गाड़ी
इस नयी नियमावली में कर्मियों की सुविधा और समस्याओं को दूर करने के लिए सभी जरूरी बातों का उल्लेख रहेगा. मसलन किसी कर्मी की मौत होने के बाद अगर नोमिनी में किसी का नाम दर्ज नहीं है, तो उस स्थिति में उसकी पत्नी, बच्चा या सबसे करीबी परिजन को उत्तराधिकारी माना जायेगा. इस मामले से संबंधित स्पष्ट प्रावधान इस नियमावली में रहेगी. इसके अलावा पेंशन से जुड़ी तमाम बातों की रूपरेखा का भी उल्लेख इसमें रहेगा.
इस नियमावली के तैयार होने के बाद ऐसे कर्मियों को खासतौर से फायदा होगा, जो झारखंड के बंटवारे के बाद यहां आये थे और उनका वेतन या पेंशन का सही निर्धारण नहीं हो पाया है. कुछ ऐसे पेंशनर भी हैं, जो दूसरे राज्यों से रिटायर हुए हैं, लेकिन उनकी पेंशन का सही निर्धारण अब तक नहीं हो सका है. ऐसे कुछ लोगों को उचित पेंशन की राशि का निर्धारण हो सकेगा. नियमावली नहीं होने से ऐसे कर्मियों को अभी समस्या होती है.
राज्य में अभी एनपीएस के दायरे में आने वाले नियमित सरकारी कर्मियों की संख्या दो लाख से ज्यादा है. इसके अलावा अन्य जो भी नियमित सरकारी कर्मी ज्वाइन करेंगे, वे भी इसके दायरे में आयेंगे. इसके अंतर्गत नियोजित कर्मी नहीं आते हैं.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan