Bihar Teacher News: पटना में दानापुर के नासरीगंज घाट पर शुक्रवार को नाव पर चढ़ने के दौरान एक शिक्षक गंगा में गिर और गहरे पानी में चले जाने से डूब गए. शिक्षकों में इस घटना को लेकर बेहद आक्रोश है. उनकी शिकायत रही कि बाढ़ के दिनों में जान खतरे में डालकर वो नदी पार करके स्कूल जाते हैं. समय पर स्कूल पहुंचने की पाबंदी के कारण वो अपनी जान की फिक्र नहीं करते और नदी पार करके सैकड़ों शिक्षक स्कूल जाते हैं. इससे बाढ़ में हर दिन नाव से गंगा नदी पार करने में शिक्षकों को जान का खतरा रहता है. वहीं शुक्रवार के हादसे के बाद शिक्षा विभाग ने पदाधिकारियों को कहा है कि एक घंटे विलंब से पहुंचने पर शिक्षक और संबंधित कर्मचारी को अनुपस्थित नहीं माना जाएगा.
शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को क्या दी राहत?
बिहार में शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी जिला पदाधिकारियों से कहा है कि अगर कुछ विशेष कारणों से शिक्षक या कर्मी विद्यालय निर्धारित समय पर नहीं पहुंचते हैं तो विलंब से दर्ज उपस्थिति मान्य होगी. यह देरी एक घंटे तक मान्य की जायेगी. यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू किया जा रहा है.
नदी पार करके जाने वालों को क्या मिलेगी सुविधा?
शिक्षा सचिव बैद्यनाथ यादव ने जिला पदाधिकारियों को निर्देशित किया है कि जिन घाटों से शिक्षक / कर्मी / स्कूली बच्चे अपने विद्यालय नदी पार करके आते-जाते हैं , उन घाटों पर सरकारी नाव की व्यवस्था की जाये. नाव पर लाइफ जैकेट पर्याप्त संख्या में उपलब्ध करायी जायें. साथ ही घाटों पर गोताखोरों की व्यवस्था की जाये.
ALSO READ: बिहार सिपाही परीक्षा का पेपर लीक कैसे हुआ था? EOU ने चार्जशीट दाखिल की, हैरान करने वाले खुलासे किए…
नाव और लाइफ जैकेट्स को लेकर दिए निर्देश…
लाइफ जैकेट्स जिला प्रशासन को खरीदनी होंगी. विद्यालय जाने और लौटने के लिए निर्धारित समय को ध्यान में रखकर नाव खुलने का समय निर्धारित किया जाये. ताकि शिक्षक / कर्मी /स्कूली बच्चे नाव पर सवार होकर ससमय स्कूल और वहां से घर पहुंच सकें. शिक्षा सचिव ने जिला पदाधिकारियों से कहा है कि इससे संबंधित प्रबंध पर होने वाले व्यय आपदा प्रबंधन के माध्यम से नहीं होने की स्थिति में इसका वहन जिला शिक्षा पदाधिकारी की तरफ से किया जायेगा. आवश्यकतानुसार इसके लिए आवंटन की मांग की जायेगी. यह मात्र अगस्त एवं सितंबर माह के लिए मुख्य रूप से लागू होगी.
शिक्षा सचिव ने अपने पत्र में क्या जिक्र किया?
शिक्षा सचिव ने अपने आधिकारिक पत्र में लिखा है कि राज्य के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में स्थित विद्यालयों मे कार्यरत शिक्षकों एवं कर्मियों को विद्यालय में आने और जाने में नदी पार करने के लिए नाव का उपयोग किया जा रहा है. इससे स्कूल ससमय पहुंचने में कठिनाई आ रही है. इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए बाढ़ग्रस्त क्षेत्र स्थित सभी सरकारी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों एवं कर्मियों के विद्यालय आवागमन के संबंध में यह जरूरी दिशा निर्देश जारी किये गये हैं.
गंगा में डूबे शिक्षक, मौत पर शिक्षा विभाग के सचिव ने जताया दुख
उल्लेखनीय है कि दानापुर के नासिरीगंज घाट पर स्कूल पढ़ाने जा रहे शिक्षक की डूबने से हुई मौत को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने संज्ञान में लिया है. शिक्षक की मौत पर बेहद चिंता व्यक्त की है. इस घटना के तत्काल बाद वरिष्ठ अधिकारियों से इस मसले पर चर्चा की है. इस दौरान कहा कि यह बेहद गंभीर मसला है. इस तरह की घटनाएं नहीं होनी चाहिए.