90000 शिक्षकों के नियोजन का नया शेड्यूल इसी सप्ताह
विधानसभा चुनाव के पूर्व राज्य सरकार 90 हजार से अधिक प्राथमिक शिक्षकों की नियोजन प्रक्रिया को पूरा कर लेगी. इस क्रम में बुधवार को शिक्षा विभाग ने नियोजन को लेकर विधि विभाग को भेजा गया प्रस्ताव वापस ले लिया.
पटना : विधानसभा चुनाव के पूर्व राज्य सरकार 90 हजार से अधिक प्राथमिक शिक्षकों की नियोजन प्रक्रिया को पूरा कर लेगी. इस क्रम में बुधवार को शिक्षा विभाग ने नियोजन को लेकर विधि विभाग को भेजा गया प्रस्ताव वापस ले लिया. प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ रंजीत कुमार सिंह ने बताया कि छठे चरण के इस नियोजन प्रक्रिया का नया शेड्यूल इसी सप्ताह जारी कर दिया जायेगा. इसमें 18 महीने का डीएलएड करने वालों को आवेदन के लिए 30 दिनों का समय दिया जायेगा. राज्य सरकार की कोशिश है कि अगस्त तक नियोजन प्रक्रिया हर हाल में पूरी कर ली जाये.
प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ रंजीत कुमार सिंह ने कहा कि नियोजन के संबंध में विधि विभाग से मार्गदर्शन मांगने का प्रस्ताव वापस लेने का निर्णय लिया गया है. इसके लिए विधि विभाग को पत्र लिखा गया है. नियोजन प्रक्रिया में अब किसी तरह की बाधा नहीं है. विधानसभा चुनाव से पहले यह प्रक्रिया पूरी करा ली जायेगी. दरअसल नियोजन शेड्यूल में तीन बार संशोधन हो चुका है. अंतिम बार शेड्यूल बदलने के बाद इस प्रक्रिया को मार्च, 2020 तक पूरा हो जाना था. लेकिन 18 महीने के डीएलएड को लेकर पटना हाइकोर्ट के आये फैसले के बाद यह प्रक्रिया रोक देनी पड़ी. हालांकि, पूर्व के शेडयूल के अनुसार नियोजन प्रक्रिया 80% से अधिक पूरी हो चुकी है. यहां तक कि मेधा सूची का प्रकाशन भी हो चुका है.
पटना हाइकोर्ट ने 18 महीने का डीएलएड करने वालों को शिक्षक नियाेजन के लिए पात्र माना था और उन्हें नियोजन प्रक्रिया में शामिल करने का आदेश दिया था. इसके बाद शिक्षा विभाग ने विधि विभाग से इस पर मार्गदर्शन मांगा था. इस बीच एनसीटीइ ने हाइकोर्ट का आदेश स्वीकार करते हुए 23 मई को शिक्षा विभाग को पत्र लिख कर शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में 18 महीने का डीएलएड करने को भी शामिल करने की अनुमति दी, जिसके मद्देनजर शिक्षा विभाग ने विधि विभाग से मार्गदर्शन मांगने का प्रस्ताव वापस लेने और नियोजन प्रक्रिया शुरू करने का फैसला लिया. इसमें नये सिरे से आवेदन नहीं मंगाये जायेंगे. सिर्फ 18 महीने का डीएलएड धारकों को इसमें आवेदन का मौका मिलेगा.
हड़ताल के 29 दिनों के समायोजन पर ही िमलेगी सैलरी
पटना. हड़ताल पर रहे शिक्षकों को हड़ताल के 29 दिनों का समायोजन अगली छुट्टियों से करना पड़ेगा. इसके बाद ही उन्हें 25 फरवरी से 24 मार्च तक का एकमुश्त वेतन मिल पायेगा. माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने इस आशय का आदेश बुधवार को जारी किया. माध्यमिक शिक्षा निदेशक गिरिवर दयाल सिंह की तरफ से जारी आदेश पत्र में कहा गया है कि एक से 10
जून तक गरमी की छुट्टी के 10 दिनों का समायोजन करना होगा. इन दिनों में शिक्षकों को काम करना होगा. इसी तरह तीन व 11 अगस्त, एक और 17 सितंबर, 22, 27 व 28 अक्तूबर, 19 व 30 नवंबर के अवकाश को स्कूल खोलते हुए इन नौ दिनों को समायोजन करना है. साथ ही माध्यमिक स्कूलों में देय तीन दिवसों के निरीक्षण अवकाश को भी समायोजित किया जाना है. शेष सात दिनों का समायोजन पांच व 26 जुलाई, नौ व 23 अगस्त, 13, 20 व 27 सितंबर के रविवारीय अवकाश को विद्यालय संचालन करते हुए करने का निर्देश दिया गया है.
इसके अलावा ऐसे शिक्षक, जिनकी हड़ताल की अवधि 29 दिनों से कम होगी, उनके संबंध में रविवार अवकाश का समायोजन समानुपातिक रूप से किया जायेगा. उल्लेखनीय है कि माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने यह सामंजन आदेश शिक्षक संगठनों और विभागीय शीर्ष अफसरों के बीच हुई सहमति के संदर्भ में निकाला है. इस सहमति के बाद शिक्षकों ने हड़ताल वापस ली थी.
इधर बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के मीडिया प्रभारी सह प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने माध्यमिक शिक्षकों की हड़ताल अवधि की गणना 29 दिन किये जाने पर आपत्ति जतायी है. उन्होंने कहा है कि अब तक की परंपरा के अनुसार हड़ताल अवधि की गणना और समायोजन सिर्फ उस अवधि में कार्य दिवसों की हुई क्षति होता है. मगर विभाग ने इससे इतर कार्य दिवसों के अतिरिक्त हड़ताल अवधि में रविवार और होली जैसे पर्व की छुट्टियों की भी गणना कर दी है. यह संगठन और विभाग के परंपरा के भी प्रतिकूल भी है. उन्होंने मांग की है कि हड़ताल अवधि में रविवार सहित अन्य सार्वजनिक छुट्टियों को हटा कर सिर्फ कार्य दिवसों की ही गणना की जाये.