13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

ककोलत जलप्रपात पर नहीं मना पायेंगे नए साल का जश्न, लोगों में निराशा, जानिए क्या है वजह

बरसात के मौसम में एहतियात के तौर पर आम पर्यटकों के लिए ककोलत जलप्रपात में प्रवेश पर रोक लगायी गयी थी. छह महीना बीत जाने के बाद भी ककोलत जलप्रपात में प्रवेश पर रोक नहीं हटायी गयी है.

इस बार नववर्ष का जश्न भी ककोलत जलप्रपात पर पर्यटक नहीं मना पायेंगे. जिला प्रशासन के निर्देश पर तीन महीने के लिए प्रतिबंध जारी है. बिहार का कश्मीर कहे जाने वाले ककोलत जलप्रपात राज्य के अलावा राष्ट्रीय स्तर पर धीरे-धीरे पहचान बना रही हैं. इसके बावजूद व्यवस्था में सुधार को लेकर कोई कारगर प्रयास होता नहीं दिख रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी ककोलत जलप्रपात का दौरा करके यहां बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने का आश्वासन दिये हैं, लेकिन यह आश्वासन धरातल पर नहीं उतर पा रहा है. पर्यटन क्षेत्र के रूप में इसके विस्तार के बाद स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर प्राप्त हो पायेंगे. गर्मी के पांच छह महीनों में किसी प्रकार से लोकल लोगों की मदद से यहां सुविधाएं उपलब्ध होती है. शेष समय में मौसम की विपरीत परिस्थिति या अन्य कारणों से ककोलत जलप्रपात पर्यटन विहीन हो जाते हैं.

तीन महीने तक जारी रहेगा प्रतिबंध

नया साल के उत्सव में जिला के लोग बड़ी संख्या में सेलिब्रेशन के लिए राज्य के दूसरे स्थानों या राज्य के बाहर घूमने के लिए जाते हैं. नवादा जिले में मशहूर ककोलत जलप्रपात होने के बावजूद यहां पर पर्यटक नहीं पहुंच पायेंगे. जिला प्रशासन के द्वारा अभी भी यहां पर्यटकों के आगमन पर रोक है और वन विभाग द्वारा आगे के लिए भी रोक लगाए रखने का निर्देश स्थानीय प्रशासन को दिया है.

सुरक्षा के नाम पर लगाया गया है बैरियर

बिहार का कश्मीर कहा जाने वाले ककोलत जलप्रपात में विगत छ माह से पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर बैरियर लगाया हुआ है. बरसात के मौसम में बाढ़ के कारण वन विभाग के द्वारा यह व्यवस्था बनायी गयी थी. कोई अप्रिय घटना न घटे इसके लिए एहतियात के तौर पर आम पर्यटकों के लिए ककोलत जलप्रपात में प्रवेश पर रोक लगायी गयी थी. छह महीना बीत जाने के बाद भी ककोलत जलप्रपात में प्रवेश पर रोक नहीं हटायी गयी है.

नहीं हो पाया निर्माण, नहीं सुधरी व्यवस्था

बरसात के मौसम में बाढ़ के कारण 3 महीने तक वरीय पदाधिकारी के दिशा निर्देश पर पर्यटकों को आने पर रोक लगाया गया था. बरसात समाप्त होने के बावजूद भी रोक लगा हुआ है. बारिश के बाद जहां-तहां गिरे पत्थरों को अब तक नहीं हटाया जा सका है. वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार कई स्थानों पर पहाड़ों से पत्थर गिरने की भी संभावना बनी हुई है. इन सारी समस्याओं को देखते हुए सरकार के दिशा निर्देश पर बैरियर लगाया गया है ताकि पर्यटक सुरक्षित रहें.

सुधारी जा सकती है व्यवस्था

राज्य के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में शामिल ककोलत जलप्रपात की व्यवस्था में सुधार की जा सकती है, लेकिन इच्छाशक्ति की कमी और शासन प्रशासन की अनदेखी के कारण यह समस्या बनी हुई हैं: बारिश के दौरान गिरे हुए पत्थर को हटाकर पर्यटकों के लिए शुरू किये जाने के बाद नए साल के सेलिब्रेशन और अन्य उत्सवों में भी यहां पर भीड़ होना संभव है. ककोलत जलप्रपात के नीचे रोजगार करने वाले लोगों के लिए पर्यटकों का नहीं आना मुसीबत बनी हुई है. बढ़िया लगे होने के कारण आने वाले पर्यटकों को गोविंदपुर के थाली बाजार से ही लौटना पड़ता है.

क्या कहते हैं अधिकारी

वन प्रमंडल अधिकारी संजीव रंजन ने बताया कि बारिश के बाद आई बाढ़ में सीढ़ी को कुछ नुकसान हुआ है. पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर पुलिस तैनात हैं. बैरियर पूर्व में लगाया गया था इसे संभव है कि पत्थर हटाने के बाद बैरियर को हटा दिया जायेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें