श्रम संसाधन विभाग ने मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने को लेकर प्रस्ताव तैयार कर लिया है और एक अक्तूबर से इसे लागू किया जायेगा. विभाग ने न्यूनतम मजदूरी की दर में 15 रुपये तक रोजना बढ़ोतरी करने का एजेंडा तैयार किया है, जिस पर जल्द ही अंतिम मुहर लगेगी. इसके लिए प्रस्ताव को जल्द ही न्यूनतम मजदूरी परामर्शदात्री समिति को भेजा जायेगा.
समिति की मंजूरी के बाद विभाग की ओर से अधिसूचना जारी कर न्यूनतम मजदूरी दर में वृद्धि कर दी जायेगी. विभाग के अधिकारियों के अनुसार सरकारी कर्मियों को सरकार महंगाई भत्ता देती है. उसी के तर्ज पर उपभोक्ता सूचकांक को आधार बनाकर मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि की जाती है.
चूंकि केंद्र व राज्य सरकार ने हाल ही में कर्मियों के महंगाई भत्ते में वृद्धि की है. उसी के मद्देनजर श्रम संसाधन विभाग ने भी मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि के प्रस्ताव पर काम शुरू कर दिया है.
Also Read: बिहार पंचायत चुनाव 2021 में वार्ड सदस्य पद के लिए बढ़ा क्रेज, मुखिया से भी अधिक हो रहा है नामांकन
इस प्रस्ताव में मजदूरों के वर्गीकरण के अनुसार उन्हें लाभ मिलेगा. बिहार में मजदूरों का वर्गीकरण चार श्रेणी में होता है. बिना प्रशिक्षण के काम करने वाले मजदूरों को अकुशल श्रेणी में रखा गया है.
बिना प्रशिक्षण के कुछ साल तक काम का अनुभव रखने वाले मजदूरों को अर्धकुशल की श्रेणी में रखा गया है. जबकि प्रशिक्षित मजदूरों को कुशल तो प्रशिक्षित की श्रेणी में भी कुछ वर्ष तक काम करने वाले मजदूरों को अतिकुशल श्रेणी में रखा गया है. इन सभी मजदूरों का दैनिक न्यूनतम मजदूरी तय है.
अभी बिहार में अकुशल मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी 304 रुपये रोजाना है, जबकि अर्धकुशल मजदूरों को 316 रुपये रोजाना का प्रावधान है. वहीं कुशल मजदूरों को 385 रुपये रोजाना तो अतिकुशल मजदूरों को 470 रुपये रोजना का प्रावधान है वहीं, पर्यवेक्षीय या लिपिकीय काम करने वालों को 8703 रुपये महीना तय है.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan