बिहार में एनएच 106 (वीरपुर से बिहपुर) और एनएच 107 (महेशखूंट-सहरसा-पूर्णिया) का निर्माण 21 साल में भी पूरा नहीं हुआ है. इन दोनों सड़कों का शिलान्यास पांच जुलाई 2001 को तत्कालीन वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री सह मधेपुरा के सांसद शरद यादव ने मधेपुरा के वीपी मंडल चौक पर किया था. हालांकि, जमीन अधिग्रहण और निर्माण एजेंसी के चयन सहित अन्य प्रक्रियाओं के बाद एनएच 106 का निर्माण 2016 में शुरू हुआ, लेकिन फिर कई पेच के कारण यह अटक गया. बाद में कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद निर्माण में तेजी आयी, लेकिन ऐसा बताया जाता है कि इस सड़क का अब भी करीब 55 फीसदी काम ही पूरा हो पाया है. वहीं, एनएच 107 के फेज एक के निर्माण में बनने वाले आरओबी को छोड़ इस साल जून तक कार्य पूरा होने की संभावना है.
सूत्रों के अनुसार एनएच 107 महेशखूंट-सहरसा-पूर्णिया दो लेन सड़क का निर्माण दो पैकेज में करीब 178 किमी लंबाई में करीब 1400 करोड़ रुपये की लागत से 2016-17 और 2017-18 में शुरू हुआ. उसी समय इस सड़क में जमीन अधिग्रहण सहित सभी अड़चनों को दूर होना बताया गया था. इसके बावजूद इसमें लेटलतीफी के लिए निर्माण एजेंसी की लापरवाही बतायी जाती है.
एनएच-106 वीरपुर से बिहपुर सड़क का निर्माण करीब 130 किमी लंबाई में से करीब 106 किमी लंबाई में 2016-17 में करीब 675 करोड़ की लागत से शुरू हुआ. बाद में निर्माण एजेंसी को लेकर तकनीकी पेच फंसने के कारण यह काम अटक गया. इसे आला अधिकारियों के स्तर पर पर निर्माण शुरू करवाया गया. इसके बावजूद इसमें करीब 55 फीसदी निर्माण ही पूरा होने की सूचना है. इस सड़क के निर्माण के रास्ते में एप्रोच रोड सहित करीब 28 किमी लंबाई में कोसी नदी पर फुलौत पुल का निर्माण करीब 1478.4 करोड़ रुपये की लागत से 2022 में शुरू हो चुका है. इसे 2024 में बन कर तैयार होने की संभावना है.
एनएच-106 सड़क को लेकर हाल ही में पटना हाइकोर्ट ने भी नाराजगी जतायी है. साथ ही जांच करने का जिम्मा हाइकोर्ट के वकीलों को दिया है. कोर्ट ने मधेपुरा, सुपौल एवं सहरसा के डीएम को वकीलों की टीम को जांच में पूरा सहयोग करने का निर्देश दिया है. साथ ही मामले की अगली सुनवाई दो फरवरी, 2023 को होगी.