पटना नाव हादसा: गंगा दशहरा के दिन पटना जिले के बाढ़ के प्रसिद्ध उमानाथ गंगा नदी घाट पर एक ही परिवार के 17 लोगों को लेकर जा रही नाव अनियंत्रित होकर बीच नदी में पलट गई. सभी 17 लोग डूब गए लेकिन किसी तरह 13 लोगों ने तैरकर अपनी जान बचा ली जबकि चार अन्य गंगा की तेज धारा में बह गए. लापता लोगों की तलाश जारी है. डूबने वालों में NHAI के पूर्व अधिकारी भी शामिल हैं. इस हादसे के बाद परिवार सहित पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है.
जानकारी के अनुसार, नालंदा जिला निवासी अवधेश कुमार की मां का श्राद्ध कर्म संपन्न होने के बाद परिवार के सभी सदस्य शुद्धि स्नान के लिए रविवार की सुबह बाढ़ स्थित उत्तरायणी गंगा नदी के उमानाथ घाट पर पहुंचे थे. इस दौरान उनके द्वारा एक नाव बुक की गई थी. नाव पर परिवार के 17 लोग सवार हुए. जैसे ही नाव गंगा की बीच धारा में पहुंची, नाव डगमगाने लगी और डूब गई. नाव को डूबता देख वहां मौजूद नाविक अपनी नाव लेकर उन्हें बचाने के लिए दौड़ पड़े. सत्रह लोगों में से 13 लोगों को बचा लिया गया. शेष चार लोग लापता हो गए. काफी खोजबीन के बाद भी उनका पता नहीं चल सका है.
नाव पलटने के दौरान लापता होने बालो में मालती गांव निवासी स्व कमलेश प्रसाद के 62 वर्षीय पुत्र अवधेश प्रसाद, जो इसी वर्ष नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (NHAI) के मुख्य प्रबंधक के पोस्ट से रिटायर्ड हुए थे. इसके आलावा स्व विजय प्रसाद की 45 वर्षीय पत्नी मंजू देवी , कमलबिघा गांव निवासी हरदेव प्रसाद के लगभग 28 वर्षीय पुत्र नीतीश कुमार भगना (उत्तरीधारक) ,पश्चिम बंगाल के बारानपुर सेल प्लांट में कार्यरत के कमलबिघा गांव निवासी हरदेव प्रसाद भी लापता हो गए थे. सोमवार को भी इन लोगों की तलाश जारी रही. दो लोगों का शव बरामद किया गया है, अन्य दो की तलाश जारी है.