फर्जी डिग्री लेकर पहुंचे जेइ बनने, शुरू हुई प्राथमिकी तो कई भागे

2019 में निकली नियुक्ति के लिए चल रही है बहाली प्रक्रिया, आज भी होना है दस्तावेजों का सत्यापनकई अभ्यर्थियों ने खुद के प्रमाण पत्रों के जाली होने का स्वघोषणा पत्र दे उम्मीदवारी ले ली वापस

By Prabhat Khabar News Desk | November 30, 2024 12:33 AM

संवाददाता, पटनासुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद बिहार तकनीकी सेवा आयोग (बीटीएससी) के जरिये 2019 के विज्ञापन के आधार पर जूनियर इंजीनियरों की नियुक्ति प्रक्रिया को फिर से शुरू किया है. सुप्रीम कोर्ट ने बीटीएससी को तीन माह में अभ्यर्थियों की नयी चयन सूची जारी करने का निर्देश दिया है. इसी प्रक्रिया के तहत बीटीएससी द्वारा 29 और 30 नवंबर को आयोग कार्यालय में दस्तावेज सत्यापन के लिए अभ्यर्थियों को बुलाया गया है. शुक्रवार को दस्तावेज सत्यापन के दौरान नौ अभ्यर्थियों को फर्जी डिग्री देने, प्रमाण पत्रों के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप में पकड़ा गया. उप सचिव के आवेदन पर सचिवालय थाना में इनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है, इसमें दो महिला उम्मीदवार भी हैं. आयोग के संयुक्त सचिव के अनुसार इससे पहले कई अभ्यर्थियों ने सत्यापन के दौरान खुद ही स्वघोषणा का आवेदन देते हुए उनके प्रमाण पत्र के फर्जी होने की बात स्वीकार की और अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली. जिसके बाद आयोग द्वारा उन्हें सत्यापन स्थल से वापस जाने की अनुमति दे दी गयी.

क्या है मामला

मार्च, 2019 में विभिन्न विभागों में जेइ के 6,379 रिक्तियों के लिए आवेदन आमंत्रित किये गये थे. बाद में कुछ उम्मीदवारों ने अपने आवेदन की अस्वीकृति के खिलाफ हाइकोर्ट का रुख किया था. दो अप्रैल, 2022 को बीटीएससी ने चयन सूची प्रकाशित करते हुए सफल उम्मीदवारों को विभाग आवंटित किये. बाद में पूरी चयन प्रक्रिया को रद्द करने का फैसला लिया गया. हाइकोर्ट ने भी इस पर अपनी मुहर लगा दी. कुछ अभ्यर्थी इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गये, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाइकोर्ट के 19 अप्रैल 2022 के आदेश के आलोक में तीन महीने के भीतर सफल अभ्यर्थियों की नयी चयन सूची जारी करने और उसके बाद अगले 30 दिन में उनकी नियुक्ति करने का निर्देश दिया.

6,379 जेइ की होनी है बहाली

विभाग पद

सिविल : 5815

मैकेनिकल : 432

इलेक्ट्रिकल : 132

इन पर दर्ज की गयी प्राथमिकी

1. नीतीश कुमार सिंह, पचरूखी, सिवान एक ही सत्र में डिप्लोमा और बीएससी (ऑनर्स)

2. मणिकांत कुमार, अमरपुर, लखीसराय प्रमाण पत्र देने वाला संस्थान अस्तित्व में नहीं

3. मो फैजूद्दीन, खुदाबंदपुर, बेगूसराय चार विज्ञापनों में आवेदक, सभी में प्रमाण पत्र अलग-अलग

4. राजेश कुमार, बेगूसराय मानव भारती विवि के अनुसार प्रमाण पत्र फर्जी

5. मोनिका कुमारी, परसा बाजार, पटना मानव भारती विवि के अनुसार प्रमाण पत्र फर्जी

6. प्रियंका कुमारी, झखराही, सुपौल ओपीजीएस विवि का मूल प्रमाण पत्र प्रिंट कर बनाया गया

7. दिलीप कुमार चौधरी, मथुरापुर, समस्तीपुर स्वामी विवेकानंद विवि का फर्जी प्रमाण पत्र दिया गया

8. मनीष कुमार, पंडोल, मधुबनी स्वामी विवेकानंद विवि का फर्जी प्रमाण पत्र दिया गया

9. अभिषेक कुमार सिंह प्रोविजनल डिप्लोमा सर्टिफिकेट में छेड़छाड़

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version