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आज से शुरू होगा नौ दिन का गुप्त नवरात्र

यह नवरात्र 30 जनवरी को कलश स्थापना से शुरू होकर सात फरवरी को विजयादशमी से साथ संपन्न होगा.

– देवी के साधक करेंगे दस महाविद्याओं की विशेष उपासनासंवाददाता, पटना

माघ शुक्ल प्रतिपदा में गुरुवार को श्रवण नक्षत्र व जयद् योग के सुयोग में गुप्त नवरात्र शुरू हो रहा है. यह नवरात्र 30 जनवरी को कलश स्थापना से शुरू होकर सात फरवरी को विजयादशमी से साथ संपन्न होगा. नववर्ष 2025 के पहले नवरात्र के तहत माघ मास के शुक्लपक्ष में सप्तमी तिथि का क्षय होने से आठ दिनों की ही नवरात्रि होगी. चार फरवरी मंगलवार को षष्टी और सप्तमी तिथि की पूजा होगी. श्रद्धालु निराहार या फलाहार रह कर माता की आराधना करेंगे. घरों व मंदिरों में कलश की स्थापना के साथ शक्ति की उपासना होगी. गुप्त नवरात्र में तंत्र साधना की प्रधानता होती है. तंत्र और शाक्त मतावलंबी साधना की दृष्टि से गुप्त नवरात्रों के कालखंड को बहुत सिद्धिदायी मानते हैं. पंडित झा ने कहा कि गुप्त नवरात्र में बनने वाले सिद्धिदायी योग में दुर्गा सप्तशती का पाठ करना कल्याणकारी होगा. नवरात्र में दुर्गा सप्तशती, देवी के विशिष्ट मंत्र का जाप, दुर्गा कवच, दुर्गा शतनाम का पाठ प्रतिदिन करने से रोग-शोक आदि का नाश होता है.

10 महाविद्याओं की होगी साधना

माघ मास के इस गुप्त नवरात्र में 10 महाविद्याओं मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां ध्रूमावती, माता बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की साधना की जाती है. विशेष तौर पर तंत्रोक्त क्रियाओं, शक्ति साधनाओं और महाकाल से जुड़े साधकों के लिए यह नवरात्र विशेष महत्व रखता है. इस दौरान देवी के साधक कड़े विधि-विधान के साथ व्रत और साधना करते हैं. 16 शक्तियों की प्राप्ति के लिए यह पूजन किया जाता है.

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