केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बिहार में जंगलराज के कारण न सिर्फ राज्य की कानून-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हुई, बल्कि बिहार आर्थिक रूप से भी पिछड़ गया था. जंगलराज के कारण बिहार की प्रति व्यक्ति आय 21282 रुपये से घटकर 14209 रुपये हो गयी. बिहार को इससे बाहर निकालने के लिए एनडीए सरकार को कड़ी मेहनत करनी पड़ी.
उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि जब जंगलराज का दौर आया तो प्रति व्यक्ति आय उड़ीसा से भी अधिक थी. 1991 में उड़ीसा की प्रति व्यक्ति आय 20591 रुपए और बिहार की 21282 रुपए थी. जंगल राज आने के बाद बिहार में 33 प्रतिशत की गिरावट आई जबकि उड़ीसा में 31 प्रतिशत की वृद्धि हुई. मंगलवार को केंद्रीय वित्त मंत्री बीजेपी मीडिया सेंटर में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे.
वित्त मंत्री ने बताया कि 2002 में बिहार में काम होकर 14209 तक पहुंच गया. 2002 के बाद 2019 में प्रति व्यक्ति आय 37 हजार से ज्यादा लाया गया. निर्मला सीतारमण ने कहा कि यदि 1991 से विकास दर पांच फीसदी की दर से भी गणना की जाये तो अभी बिहार की प्रति व्यक्ति आय आज 90 हजार से अधिक होती.
विशेष राज्य का दर्जा नीतिगत मामला
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बिहार को भरपूर विशेष सहायता दी जा रही है. वर्ष 2015 में बिहार के लिए एक पैकेज घोषणा की गई थी और 1.25 लाख करोड़ का पैकेज दिया गया था. इस पैकेज की राशि सभी क्षेत्रों के लिए दी गयी है. जहां तक विशेष राज्य के दर्जा की बात है तो यह एक नीतिगत मामला है.
सीतारमण ने कहा कि वित्त आयोग की अनुशंसा पर बिहार को वर्ष 2004 से 2014 के बीच 2.04 लाख करोड़ मिली थी, जबकि 2014 से 2024 के बीच यह राशि बढ़कर 7.04 लाख करोड़ हो गयी है. यानी मोदी सरकार के ने साढ़े तीन गुना अधिक राशि दी गयी है.वहीं, यदि बात ग्रांटस की करें तो यूपीए सरकार के दस साल की अवधि में बिहार को 75 हजार करोड़ दी गयी थी जो मोदी सरकार के दस साल के कार्यकाल में बढ़कर 2.80 लाख करोड़ हो गयी है.
कांग्रेस की फ्रेट इक्वलाइजेशन पॉलिसी के कारण बिहार से बढ़ा पलायन
वित्त मंत्री ने कहा कि कांग्रेस की सोची समझी नीति के कारण बिहार को पिछड़ा रखा गया है. कांग्रेस की फ्रेट इक्वलाइजेशन पॉलिसी के कारण बिहार से बढ़ा पलायन और उद्योग धंघे विकसित नहीं हो सके. दरअसल बिहार में प्रचूर मात्रा में खनिज होने का लाभ इस नीति के नहीं मिला. खनिज की कीमत जो खनन स्थल पर थी, वहीं दूसरे विकसित राज्यों में भी.
आरक्षण कोटा काटकर इंडी गठबंधन मुसलमानों को देगी
वित्त मंत्री ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि इंडी गठबंधन वाले मुसलमानों को पूरा आरक्षण देने की बात करते हैं जबकि संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था नहीं है.कर्नाटक में मुस्लिम वर्ग को एससी, एसटी, ओबीसी का काट कर आरक्षण दिया गया. जबकि,प्रधानमंत्री मोदी का मूलमंत्र सबका विकास है.
सीतारमण ने कहा कि आज हम 2047 के विकसित भारत को लेकर आगे बढ़ रहे हैं, इसमें पूर्वोत्तर के राज्य इंजन बनेंगे. उन्होने जोर देकर कहा कि एनडीए की सरकार में सम्मान और विकास दोनों की बात की जाती है. मौके पर असम के मंगलादोई के सांसद दिलीप साकिया, राष्ट्रीय महामंत्री ऋतुराज सिन्हा और महामंत्री जगन्नाथ ठाकुर आदि उपस्थित थे.
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