Bihar Tourism News: बिहार के अंग क्षेत्र को पर्यटन का हब बनाने की मांग को लेकर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा में इससे जुड़ा मुद्दा उठाया. गोड्डा सांसद ने भागलपुर के विक्रमशिला और बांका के भदौरिया का इतिहास बुद्ध से जोड़कर और जमुई का इतिहास जैन से जोड़कर इसकी महत्ता को बताया.पर्यटन की संभावनाओं और बौद्ध सर्किट और जैन सर्किट का मुद्दा उन्होंने सदन में रखा.
बिहार में पर्यटन का मुद्दा लोकसभा में गूंजा. झारखंड के गोड्डा से सांसद निशिकांत दुबे ने सदन में बौद्ध सर्किट और जैन सर्किट के जरिये प्रदेश में टूरिज्म की संभावनाओं को बल देने के प्रयास में कुछ अहम सुझाव दिये व अपनी मांग रखी. सांसद ने फिर एकबार भागलपुर स्थित विक्रमशिला विश्वविद्यालय से जुड़े मुद्दों को सामने रखा. साथ ही बांका के भादौरिया और जमुई जिला का जैन धर्म से जुड़े इतिहास का भी जिक्र किया.
लोकसभा में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने पर्यटन और पड़ोसी देशों से भारत के संबंध मजबूत करने का मुद्दा उठाया. बिहार के भागलपुर जिला अंतर्गत विक्रमशिला विश्वविद्यालय के अतीत का पन्ना पलटते हुए सांसद ने कहा कि विक्रमशिला यूनिवर्सिटी बौद्ध का सबसे बड़ा केंद्र है. लेकिन आजतक बौद्ध सर्किट में विक्रमशिला को नहीं जोड़ा गया. उन्होंने कहा कि सारनाथ के बाद बुद्ध इटखोरी(चतरा) आए और वहां से वो भादौरिया(बांका) गये. यहां से बुद्ध विक्रमशिला(भागलपुर) ही गये थे.
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सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि बटेश्वर जहां विक्रमशिला विश्वविद्यालय है, और वहां से नेपाल की दूरी बेहद कम है. विक्रमशिला बौद्ध का बड़ा केंद्र रहा है. कहा कि जैन संप्रदाय की बात करें तो उसकी भी एक सर्किट होनी चाहिए. पारसनाथ हमारे यहां(झारखंड) है और मैं जिस भागलपुर में पैदा हुआ वहां चंपापुर है. बिहार के ही जमुई में भी जैन से जुड़े ऐतिहासिक स्थल का उन्होंने जिक्र किया और जैन सर्किट की वकालत की.
भाजपा सांसद ने कहा कि नेपाल और कंबोडिया के साथ बुद्धिज्म को जोड़कर हम पर्यटन का एक बहुत बड़ा हब बना सकते हैं. बता दें कि विक्रमशिला विश्वविद्यालय के अवशेष के पास ही नेशनल यूनिवर्सिटी बनना है, इसकी घोषणा पीएम मोदी ने की है.
बता दें कि सांसद निशिकांत दुबे झारखंड के गोड्डा का प्रतिनिधित्व करते हैं लेकिन उनका पैतृक गांव उसी क्षेत्र में है जहां विक्रमशिला विश्वविद्यालय है. सांसद के प्रयास के बाद 2017 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी भी यहां आए थे और ऐतिहासिक स्थल का भ्रमण किया था.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan