नितिन गडकरी बिहार में केंद्र के सहयोग से बन रही सड़कों की करेंगे समीक्षा, 8 साल बाद भी कई का निर्माण अधूरा

बिहार में केंद्र के सहयोग से निर्माणाधीन सड़क और पुल परियोजनाओं की समीक्षा 31 मई को नयी दिल्ली में सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी करेंगे. बिहार में कई सड़कों का निर्माण आठ साल बाद भी अधूरा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 30, 2022 6:06 PM

राज्य में केंद्र के सहयोग से निर्माणाधीन सड़क और पुल परियोजनाओं की समीक्षा 31 मई को नयी दिल्ली में सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी करेंगे. इसमें राज्य के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, विभाग के आला अधिकारी व इंजीनियर सहित एनएचएआइ के भी आला अधिकारी व इंजीनियर शामिल होंगे.

आठ साल बाद भी सड़क निर्माण अधूरा

बता दें की राज्य की महत्वाकांक्षी एनएच परियोजनाओं में शामिल सिक्सलेन वाराणसी-औरंगाबाद एनएच-2, फोरलेन पटना-गया-डोभी एनएच-83 और दो लेन मंझौलिया-चोरौत एनएच-527 सी सड़क निर्माण आठ साल बाद भी अधूरा है.

हाइकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद कार्य में तेजी

हालांकि, पटना-गया-डोभी सड़क सहित अन्य सड़कों के निर्माण में हाइकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद निर्माण कार्य में तेजी आयी है. अब पटना-गया-डोभी फोरलेन सड़क का निर्माण इसी साल के अंत तक पूरा होने की संभावना है.

एनएच-2 को 2014 में पूरा करने का लक्ष्य था 

सूत्रों के अनुसार सिक्सलेन वाराणसी-औरंगाबाद एनएच-2 की कुल लंबाई करीब 192.4 किमी है. इसमें से बिहार में करीब 135.4 किमी और उत्तर प्रदेश में करीब 57 किमी लंबाई है. इसका निर्माण 2011 में शुरू और 2014 में पूरा होने का लक्ष्य रखा गया था.

अगले साल पूरा होगा वाराणसी-औरंगाबाद एनएच-2 का निर्माण

वहीं सिक्सलेन वाराणसी-औरंगाबाद एनएच-2 का निर्माण करीब 2848 करोड़ रुपये की लागत से 2023 तक पूरा होने की संभावना है. सड़क बनने पर बिहार से उत्तर प्रदेश आने-जाने में सुविधा होगी.

मंझौलिया-चोरौत एनएच-527सी

वहीं, दो लेन मंझौलिया-चोरौत एनएच-527सी का निर्माण करीब 64 किमी लंबाई में करने की मंजूरी 2013 में मिली, लेकिन करीब 537 करोड़ की लागत से पांच नवंबर, 2019 से इसका निर्माण शुरू हुआ. इसे पूरा करने की समय-सीमा चार नवंबर, 2021 थी, लेकिन अब भी इसका निर्माण चल रहा है. इसे इसी साल पूरा होने की संभावना है. यह सड़क देश की तीसरी और राज्य की पहली रनवे गुणवत्ता वाली सड़क होगी. इस सड़क के निर्माण का मुख्य उद्देश्य सामरिक रूप से सीमा सुरक्षा को मजबूत करना भी है.

पटना-गया-डोभी एनएच-83

इसके साथ ही फोरलेन पटना-गया-डोभी एनएच-83 का करीब 127 किमी लंबाई में 2015 में निर्माण शुरू हुआ था और इसे 2018 में पूरा करने का लक्ष्य था. जमीन अधिग्रहण की वजह से इसमें देर हुई. करीब 1609 करोड़ रुपये की लागत से इसका निर्माण फिर से 2020 से शुरू हुआ और दिसंबर 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य है. हालांकि, अब इसे मार्च 2023 में पूरा होने की संभावना जतायी जा रही है. इसे बनने पर गया के रास्ते झारखंड आना-जाना आसान होगा.

Next Article

Exit mobile version