बिहार में बिजली आपूर्ति अब होगी बेहतर, नीतीश कैबिनेट ने दी 3056 करोड़ रुपये की मंजूरी
बिहार में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के लिए नाबार्ड से ऋण लेने की राज्य सरकार ने गुरुवार को मंजूरी दे दी. वहीं स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के लिए पहले 11 हजार 100 करोड़ रुपये का प्रावधान था
बिहार में बिजली आपूर्ति की बेहतर व्यवस्था करने के लिए राज्य सरकार ने गुरुवार काे कैबिनेट बैठक में 3056.42 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है. राज्य कैबिनेट की बैठक में नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन और साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड को हिस्सा पूंजी के रूप में इक्विटी स्वरूप उपलब्ध कराने की मंजूरी दी गई है.
लॉस रिडक्शन घटक के तहत राशि उपलब्ध करवाई जाएगी
दोनों बिजली कंपनियों को पुर्नोत्थान क्षेत्र-आरडीएसएस के अंतर्गत लॉस रिडक्शन घटक के तहत यह राशि उपलब्ध करवाई जानी है. इस याेजना में कुल प्रस्तावित राशि 7,305.05 करोड़ रुपये थी. इसके कार्यान्वयन के लिए केंद्र सरकार द्वारा 7,081.05 करोड़ रुपये की 60:40 वित्तीय पोषण के तहत 60 फीसदी अर्थात 4,248.63 करोड़ रुपये अनुदान स्वरूप दिये जाने हैं. वहीं शेष राशि 3056.42 करोड़ रुपये राज्य सरकार दी जानी थी.
नाबार्ड से ऋण लेने की राज्य सरकार ने दी मंजूरी
राज्य में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के लिए नाबार्ड से ऋण लेने की राज्य सरकार ने गुरुवार को मंजूरी दे दी. वहीं स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के लिए पहले 11 हजार 100 करोड़ रुपये का प्रावधान था, राज्य कैबिनेट की बैठक में इसे 15,074.12 करोड़ रुपये करने की मंजूरी दी गई. इसमें 30 फीसदी अर्थात 4522.24 करोड़ रुपये राज्य सरकार की गारंटी पर दोनों वितरण कंपनियों को नाबार्ड से ऋण प्राप्त करने की स्वीकृति दी गई. इस राशि में से वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 1,100 करोड़ रुपये का ऋण नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन और साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड ले सकेंगी.
औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति 2016 को मिली स्वीकृति
कैबिनेट की बैठक में बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति 2016 (यथा संशोधित 2020) में संशोधन की स्वीकृति दी गयी है. नयी नीति के अनुसार अब बियाडा की जमीन मैनुफैक्चरिंग युनिट के अलावा सेवा सेक्टर के लिए आवंटित की जायेगी. अब यह जमीन आइटी पार्क (डिजाइन एंड डेवलपमेंट ऑफ शॉफ्टवेयर, कॉल सेंटर, ऑनलाइन परीक्षा केंद्र और इलेक्ट्रॉनिक फेब्रिकेशन के लिए दी जायेगी. साथ ही स्टार्टअप को-वर्किंग स्पेट एवं स्टार्टअप हब के लिए भी आवंटित की जायेगी. ग्रेट-ए वेयर हाउस एवं लॉजिस्टिक पार्क (बियाड़ा द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप) और रिसर्च लैब व टेस्टिंग लैब के लिए भी आवंटित की जायेगी.