किसी की भी जमीन नहीं लेगी नीतीश सरकार, जमीनों के कागज को ठीक करना है सर्वे का मकसद
Bihar Land Survey: सरकार ने एक बार फिर से साफ कर दिया है कि सूबे में हो रहे भूमि सर्वेक्षण में किसी की जमीन नहीं ली जाएगी.
Bihar Land Survey: बिहार में इन दिनों भूमि सर्वे का काम तेजी से चल रहा है. वहीं, लोगों के मन में डर बैठ गया है कि अगर सर्वे में उन्होंने सही जानकारी दी तो सूबे की नीतीश सरकार उनकी जमीन उनसे छिन लेगी. लेकिन सरकार ने एक बार फिर से साफ कर दिया है कि सूबे में हो रहे भूमि सर्वेक्षण में किसी की जमीन नहीं ली जाएगी. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने बताया कि सर्वे का मकसद जमीन के कागजातों को दुरुस्त करना है, ताकि भविष्य में कोई विवाद न हो.
सर्वे का मकसद सिर्फ कागजातों को दुरुस्त करना
जय सिंह ने लोगों से अपील की है कि वे बिना किसी डर के स्व-घोषणा पत्र भरें. बहुत से लोग इस सर्वे को लेकर डरे हुए हैं और उन्हें लगता है कि उनकी जमीन चली जाएगी. इस पर सिंह ने कहा कि अगर किसी का किसी जमीन पर कानूनी कब्ज़ा है तो उसे कोई नहीं हटा सकता. सर्वे का मकसद सिर्फ कागजातों को दुरुस्त करना है ताकि बाद में विवाद की स्थिति न बने.
खुद से भी भरा जा सकता है स्व-घोषणा पत्र
वही, स्व-घोषणा पत्र को लेकर भी लोगों खासकर ग्रामिणों में भ्रम की स्थिती है. कई लोग इसके लिए अलग-अलग दस्तावेज जुटा रहे हैं, जिसकी वजह से अंचल और अभिलेखागारों में भीड़ लगी रहती है. इस बारे में स्पष्ट करते हुए सचिव ने कहा कि स्व-घोषणा पत्र हाथ से भी भरा जा सकता है और अभी किसी भी दस्तावेज की जरूरत नहीं है. दस्तावेजों की आवश्यकता बाद में पड़ेगी, जिसके लिए लोगों के पास छह से सात महीने का समय होगा.
ऑनलाइन भी जमा कर सकते हैं स्व-घोषणा पत्र
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने बताया कि अगर किसी को जमीन से जुड़े दस्तावेज चाहिए तो वे ऑनलाइन भी प्राप्त कर सकता हैं। स्व-घोषणा पत्र जमा करने की कोई समय सीमा नहीं है। लोग एक-दो महीने में इसे जमा कर सकते हैं। जो लोग राज्य या देश के बाहर रहते हैं, वे इसे ऑनलाइन भी जमा कर सकते हैं.