बिहार विधानसभा मेें पिछले सत्र के दौरान विधायकों के साथ मारपीट मामले में चर्चा की गई. चर्चा के दौरान विधानसभा में शेरो-शायरी और किस्से के तीर खूब चले. वहीं बहस के दौरान सीएम नीतीश कुमार गैरमौजूद रहे, जिसे विपक्ष ने मुद्दा भी बनाया, लेकिन संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि दूसरे सदन में बिल पर चर्चा चल रही है और सीएम वहीं हैं.
चर्चा के शुरूआत में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपना पक्ष रखा. तेजस्वी ने कहा कि मान-सम्मान बेचकर हम विधायक नहीं रह सकते हैं. वहीं तेजस्वी के स्पीच के बाद स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ने कहा, ‘लम्हे फुरसत की आएं तो रंजिशे भूला देना, किसी को नहीं खबर की सांसो की मोहल्लत कहां तक है.’
वहीं असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के विधायक अख्तरूल ईमान के अपने स्पीच के दौरान कहा, ‘स्पीकर महोदय उबलते हुए पानी में चेहरा नजर नहीं आता’. इस दौरान एआईएमआईएम के विधायक ने खिलौने वाला एक किस्सा भी सुनाया.
बहस के दौरान स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ने मारपीट के आरोप पर शेर पढ़ते हुए कहा, ‘जरा सा पैर जो फिसला इल्जाम उसी चप्पल पर लगाया सबने, महीनो तपती धूप और कांटो से बचाया जिसने.’
वहीं स्पीकर ने सबको शांत करते हुए कहा ,
‘कल हम न होंगे, न गिला होगा
सिर्फ सिमटी हुई यादों का सिलसिला होगा
जो लम्हे है चलो उसे बीता लेन जाने कल जिंदगी का क्या फैसला होगा’
मांझी और नंदकिशोर ने सुनाया किस्सा- सदन में बहस के दौरान पूर्व सीएम जीतन राम मांझी और पूर्व मंत्री नंदकिशोर यादव ने पुराना किस्सा सुनाया. मांझी ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर, रघुवंश सिंह भी सदन में सरकार का विरोध करते थे, लेकिन आसन की अवहेलना नहीं की. वहीं नंदकिशोर यादव भी लालू सरकार के दौरान का किस्सा सुनाया.
Posted By : Avinish Kumar Mishra