“अरे भाजपाइयों याद करो जब जॉर्ज फर्नांडीस और नीतीश कुमार ने भाजपा को अछूत से छूत बनाया”: उपेन्द्र कुशवाहा
बिहार के नेताओं का लगातार एक दूसरे के खिलाफ बयान दिए जाने का सिलसिला रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है. इस क्रम में अब जदयू नेता उपेन्द्र कुशवाहा ने भाजपा पार्टी को लेकर बयान दिया है.
बिहार में एनडीए गठबंधन टूटने के बाद से नेताओं के बीच बयानबाजी का दौड़ जो शुरू हुआ फिलहाल तो वो रुकने का नाम नहीं ले रहा. गठबंधन टूटने से खफा भाजपा नेता लगातार नीतीश कुमार पर आरोप लगा रहे हैं. वहीं जदयू नेता भी इसमें पीछे नहीं है वो भी भाजपा नेताओं के हर वार का पलटवार कर रहे हैं. इस क्रम में अब जदयू नेता उपेन्द्र कुशवाहा ने भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी पर वार किया है.
भाजपा के नेता लगातार गलबज्जा कर रहें
उपेन्द्र कुशवाहा ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा की सुशील मोदी जी का बयान कि “जद (यू.) का राजद में विलय हो जाएगा, अत्यंत आपत्तिजनक ही नहीं अपमानजनक भी है. भाजपा के नेता लोग लगातार गलबज्जा कर रहें हैं कि भाजपा ने बड़ी कृपा की हमारी पार्टी और हमारे नेता पर, केन्द्र में मंत्री बनाया, मुख्यमंत्री बनाया.
.@SushilModi जी का बयान…….लगातार गलबज्जा…. मंत्री बनाया – मुख्यमंत्री बनाया।
अरे…..वर्ष 1995-96…..अछुत….अगर जॉर्ज – नीतीश की कृपा नहीं हुई रहती न, तो आज कोई अतापता…..आपकी पार्टी जब देश का इतिहास ही बदलने की घृणित कोशिश में लगी है…भुल गए तो कौन सी बड़ी बात हो गई। pic.twitter.com/t7CoNoddCq
— Upendra Kushwaha (@UpendraKushRLJD) August 14, 2022
कोई भी दल दोस्ती नहीं करना चाहता
जदयू नेता उपेन्द्र कुशवाहा ने आगे कहा अरे भाजपाई भाईयों, जरा याद करो वर्ष 1995-96 के पहले का अपना इतिहास. तब देश में आप एक अछुत पार्टी के रूप में जाने जाते थे. कोई भी दल आप से दोस्ती नहीं करना चाहता था. ठीक उसी दौर में आपके लिए फरिश्ता बन कर आए समता पार्टी के तत्कालीन नेता श्रधेय स्व. जॉर्ज फर्नांडिस और श्री नीतीश कुमार, जिन्होंने ने भाजपा के मुम्बई अधिवेशन में भाग लिया और तब समता पार्टी से गठबंधन की नींव पड़ी. भाजपा अछूत से छूत बनी.
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आज कोई अता पता नहीं रहता आपका
कुशवाहा ने आगे कहा की अगर जॉर्ज फर्नांडिस और नीतीश कुमार की कृपा नहीं हुई रहती न, तो आज कोई अता पता नहीं रहता आपका. कृतघ्नता की सीमा पार गए, बयानवीरों. जरा सा भी कुछ बचा हो आपके अन्दर तो याद कीजिए 1995-96 के अपने इतिहास को. ऐसे देश जानता है कि आपकी पार्टी जब देश का इतिहास ही बदलने की घृणित कोशिश में लगी है तो पार्टी का इतिहास भुल गए तो कौन सी बड़ी बात हो गई.