बिहार के 10 राजनीतिक दलों के 11 नेता सीएम नीतीश के नेतृत्व में जातीय जनगणना कराने की मांग को लेकर आज पीएम मोदी से मिले. मुलाकात के बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि हमने सभी बातों को पीएम मोदी के सामने रखा है और उम्मीद है कि जल्द ही इसपर निर्णय होगा. उन्होंने कहा कि बिना आंकड़े के कोई भी निर्णय नहीं हो सकता है.
पत्रकारों से बात करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा है कि जब देश में पेड़-पौधे और जानवरों की गणना हो सकती है, तो लोगों की क्यों नहीं हो सकती. उन्होंने आगे कहा कि सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में हम लोगों ने पीएम को सभी बातें कही हैं. अब फाइनल फैसला उनको ही करना है.
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने आगे कहा कि जातीय जनगणना एक ऐतिहासिक काम है और यह 1931 में आखिरी में हुआ था. तेजस्वी ने कहा कि सरकार ने अभी एक बिल पास किया है कि राज्य सरकार किसी भी जाति को ओबीसी में डाल सकती है, लेकिन बताइए कि जब डेटा नहीं होगा, तो ये काम कैसे हो पाएगा.
उन्होंने पत्रकारों के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि बिहार में जनहित और राष्ट्रहित के मुद्दे पर हम सरकार को समर्थन देते रहेंगे. कोरोना काल में भी हमने मुख्यमंत्री जी से कहा था कि सरकार को जो भी सहयोग चाहिए, वो बताएं हमलोग करेंगे.
बताते चलें कि जातीय जनगणना (Caste Census) को लेकर बिहार के सीएम नीतीश कुमार, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, मंत्री विजय कुमार चौधरी, मंत्री जनक राम, विधायक महबूब आलम, विधायक अजीत शर्मा, पूर्व सीएम जीतन राम मांझी, मंत्री मुकेश सहनी सहित 11 नेताओं का प्रतिनिधिमंडल पीएम मोदी से मिले.
Posted By : Avinish Kumar Mishra