विश्व के टेक्सटाइल उद्योगों को आकर्षित करने के लिए बिहार सरकार ने आकर्षक पैकेज तैयार किया है. बिहार में टेक्सटाइल और लेदर उद्योग लगानेवाले इकाइयों को अब राज्य सरकार की ओर से पूंजी, माल का एक्सपोर्ट करने पर भाड़ा का खर्च, उद्योग में काम करनेवाले कर्मचारियों को वेतनमान और बिजली में प्रति यूनिट छूट मिलेगा. इसको लेकर गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति (वस्त्र एवं चर्म) नीति 2022 को मंजूरी दे दी है.
बैठक के बाद कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव डा एस सिद्धार्थ ने बताया कि वर्तमान दौर में उद्योग अब चीन की जगह भारत की ओर अपना रूख कर रहे हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार ने अपनी टेक्सटाइल नीति 2022 को स्वीकृति दी है. उन्होंने बताया कि इस नीति के तहत बिहार में टेक्सटाइल व लेदर उद्योग लगानेवाली इकाइयों को देश में सर्वाधिक लाभ मिलेगा. इन उद्योगों को औद्योगिक नीति 2016 में दी जानेवाली छूट के अलावा लाभ दिया जायेगा.
टेक्सटाइल उद्योग में दो श्रेणी है जिसमें पहली श्रेणी में वस्त्र का निर्माण, परिधानों का निर्माण, कपड़े की सिलाई, जूता-चप्पल का निर्माण किया जाता है जबकि दूसरी श्रेणी में कपड़े का निर्माण, धागा का निर्माण को बांटा गया है. उन्होंने बताया कि बिहार में टेक्सटाइल लगानेवाली इकाइयों को उद्योग लगाने पर पूंजीगत अनुदान के रूप में 15 प्रतिशत की सहायता अधिकतम 10 करोड़ तक दी जायेगी.
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इसी प्रकार से कोई भी यूनिट से एक्सपोर्ट होता है तो उसे कोलकाता, मुंबई जैसे कार्गो तक माल भाड़ा के मद में 30 प्रतिशत का प्रतिपूर्ति या 10 लाख का प्रति वर्ष की राहत, उद्योग में काम करनेवाले वर्करों को प्रति माह पांच हजार तक वेतन मद में प्रोत्साहन राशि या इपीएफ जमा करने पर 300 प्रतिशत तक वेतनमान की राशि दी जायेगी. इसके अलावा उद्योग की बिजली खपत में सरकार की ओर से प्रति यूनिट दो रुपये की छूट दी जायेगी. इसके अलावा पेटेंट सब्सिडी के रूप में भी सालाना 10 लाख का लाभ मिलेगा.
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य में टेक्सटाइल या लेदर उद्योग लगानेवाली इकाइयों को इस छूट का लाभ उठाने के लिए 30 जून 2023 तक आवेदन करना होगा. एक साल के अंदर आवेदन करनेवाली इकाइयों को यह लाभ पांच सालों तक लगातार मिलता रहेगा. उन्होंने बताया कि कोई भी इकाई अगर 100 करोड़ लगाती है तो उसको प्रति वर्ष 150 करोड़ का लाभ मिलेगा.
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि वैसी पात्र इकाइयां जिनके द्वारा इस नीति की अधिसूचना जारी होने के तिथि से पहले चरण-1 की मंजूरी प्राप्त कर ली है, उन्हें भी इस नीति के अंतर्गत लाभ मिलेगा. इसके पहले वर्ष 2016 में तैयार औद्योगिक नीति के तहत राज्य में उद्योग लगानेवालों को 20 करोड़ तक के ब्याज अनुदान का 10 प्रतिशत लाभ मिलता है. साथ ही जीएसटी में 100 फीसदी प्रतिपूर्ति की जाती है. राज्य सरकार स्टांप शुल्क फ्री देती है. भूमि परिवर्तन का फीस भी फ्री में दिया जाता है.