23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार सरकार का सरकारी कर्मचारियों को तोहफा, अब 15 की जगह 23 बीमारियों का होगा रिम्बर्समेंट

अब राज्य के सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ इनके आश्रितों के लिए इलाज करवाना आसान हो गया है. जहां पहले 15 बिमारियों के इलाज के लिए रिम्बर्समेंट होता था वहीं अब 23 बिमारियों के इलाज के लिए रिम्बर्समेंट हो सकेगा.

बिहार सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को एक नया तोहफा दिया है. अब राज्य के सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ इनके आश्रितों का इलाज करवाना आसान हो गया है. जहां पहले 15 बिमारियों के इलाज के लिए रिम्बर्समेंट होता था वहीं अब 23 बिमारियों के इलाज के लिए रिम्बर्समेंट हो सकेगा. इससे राज्य के लगभग 4.5 लाख सरकारी कर्मचारी और उनके आश्रितों को लाभ मिलेगा.

शैलेश कुमार ने जारी किया पत्र

बिहार सराकार ने रिम्बर्समेंट के लिए आठ और रोग शामिल करने का निर्णय लिया है. इससे संबंधित स्वास्थ्य विभाग के उप सचिव शैलेश कुमार ने पत्र जारी कर दिया है. राज्य सरकार द्वारा समिति से मिली अनुशंसा पर विचार करने के बाद पहले से शामिल पंद्रह रोगों के अलावा और आठ रोगों को रिम्बर्समेंट की सूची में शामिल करने का फैसला किया गया है.

सूची में शामिल आठ रोग

जिन आठ रोगों को रिम्बर्समेंट की सूची में शामिल किया गया है, उनमें रुमेठी, क्रोहन रोग, अतिगलग्रन्थिता, लाइकेन प्लानस, मस्तिष्क पक्षाघात, पार्किंसन रोग और पेल्विक इन्फ्लामेट्री रोग शामिल हैं. सरकारी कर्मचारियों को इलाज के लिए विभागीय स्तर से ही मंजूरी लेनी होगी. इसके बाद ही इलाज के लिए खर्च किए गए पैसे का रिम्बर्समेंट हो सकेगा.

Also Read: बिहार में फायर अलर्ट, गर्म हवाओं ने बढ़ाया आग का खतरा, जिलों के डीएम को दिए गए ये निर्देश..

रिम्बर्समेंट का प्रावधान 2006 में आया

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक राज्य सरकार द्वारा सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को बीमारी के इलाज के क्रम में होने वाले खर्च का रिम्बर्समेंट करने का प्रावधान वर्ष 2006 में लाया गया था. इसके लिए टीबी, कैंसर, कुष्ठ, हार्ट सर्जरी, गुर्दा प्रत्यारोपण, लिवर प्रत्यारोपण के बाद इलाज पर खर्च को बहिर्वासी रोगों की सूची में शामिल किया गया था. इसके किछ दिनों के बाद ही 14 अगस्त को रिम्बर्समेंट के लिए बहिर्वासी रोगों में नौ और रोग शामिल किए गए.

रिम्बर्समेंट सरलीकरण समिति का गठन

हेपेटाइटिस-सी, हेपेटाइटिस-बी, लिवर सिरोसिस, हीमोफीलिया, प्लास्टिक एनीमिया, एड्स, कालाजार, लकवा और डायलिसिस को शामिल किया था. इसके बाद भी राज्य सरकार से कई अन्य दूसरे जटिल रोगों के इलाज के खर्च की रिम्बर्समेंट करने की मांग की जाती रही. इसको देखते हुए पिछले साल अगस्त महीने में स्वास्थ्य सेवा के निदेशक प्रमुख की अध्यक्षता में चार सदस्यीय बहिर्वासी रोगों पर रिम्बर्समेंट सरलीकरण समिति का गठन कर और उनसे अनुशंसा से रिपोर्ट प्राप्त की गई थी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें