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बिहार में आयुर्वेदिक कॉलेजों के आएंगे ‘अच्छे दिन’, सीएम नीतीश ने नयी बहाली के भी दिये निर्देश

बिहार के सभी आयुर्वेदिक कॉलेजों के अच्छे दिन आएंगे. सीएम नीतीश कुमार ने सोमवार को राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज एवं अस्पताल और तिब्बी कॉलेज अस्पताल का निरीक्षण किया. पटना समेत अन्य जगहों के कॉलेजों के लिए उन्होंने जरुरी निर्देश दिये.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज एवं अस्पताल और तिब्बी कॉलेज अस्पताल का निरीक्षण किया. उन्होंने इन दोनों चिकित्सा संस्थानों में घूम-घूमकर सुविधाओं का जायजा लिया और कमियों को दूर करने का निर्देश अधिकारियों को दिया.

मुखयमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पटना समेत राज्य के सभी आयुर्वेदिक कॉलेजों को विकिसत किया जायेगा. पटना के अलावा मुजफ्फरपुर, दरभंगा और बेगूसराय आयुर्वेदिक कॉलेजों का भी विस्तार किया जायेगा. 1926 में स्थापित देश के सबसे पुराने पटना के आयुर्वेदिक कॉलेज और तिब्बी एवं यूनानी कॉलेज मे आधुनिकतम सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेगी.

सोमवार को मुख्यमंत्री ने आयुर्वेदिक कॉलेज और तिब्बी व यूनानी कॉलेज का निरीक्षण किया. बाद में कॉलेज परिसर में ही सभी आयुर्वेदिक कॉलेजों की स्थिति की समीक्षा भी की.इस दौरान मुख्यमंत्री ने राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज एवं अस्पताल और राजकीय तिब्बी कॉलेज एवं अस्पताल को विशिष्ट व बेहतर बनाने के लिए योजना बनाकर काम करने के निर्देश दिये.

सीएम ने कहा कि भविष्य की जरुरतों को ध्यान में रखते हुए इन संस्थानों को और महत्वपूर्ण बनाना है. यहां विशेषज्ञों को भी बुलाकर चिकित्सा पद्धति को और बेहतर बनाने के लिए काम करे. सीएम ने कहा कि बेडों, डॉक्टरों व चिकित्साकर्मियों की संख्या बढ़ाने की जरुरत हो, तो इसे बढ़ाएं. साथ ही अन्य जरुरी सुविधाओं का भी इंतजाम करें.

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सीएम ने आयुर्वेदिक कॉलेज में सबसे पहले द्रव्य गुण विभाग में जाकर दवाओं का अनोखा म्यूजियम देखा. यहां बहुत से दुर्लभ पौधों की बीज, छाल आदि रखी हुई है. उन्होंने औषधि निर्माणशाला में आयुर्वेदिक दवाओं के उत्पादन की प्रक्रिया भी देखी. पंचकर्म में उन्होंने जोंक की सहायता से की जा रही चिकित्सा को देखा. यहां उन्होंने कहा कि जल्द ही पंचकर्म चिकित्सा के लिए अलग से बहुमंजिला इमारत बन कर तैयार हो जायेगी. नयी इमारत में पंचकर्म और योग के लिए बेहतर जगह उपलब्ध होगी.

मुख्यमंत्री ने प्रयोगशाला, सभागार, कक्षा, औषधि पैकिंग कक्ष, ओपीडी, एक्स–रे, शल्य चिकित्सा, पंचकर्म विभाग आदि को भी देखा. द्रव्य गुण विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ भगवान सिंह एवं सहायक प्राध्यापक डॉ रमण रंजन ने औषधियों के उपयोग, विशेषता एवं उसके लाभ के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि औषधियों के निर्माण के लिए ज्यादातर जड़ी–बूटियां राजगीर तथा बिहार के अन्य हिस्से से ही उपलब्ध हो जाती हैं.

Published By: Thakur Shaktilochan

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