बिहार में शराब को लेकर मचे बवाल पर नीतीश कुमार ने कहा- शराबबंदी की सफलता को लेकर एक बार फिर हो रहा सर्वे
नीतीश कुमार ने कहा कि चंद लोग ही शराब के पक्षधर हैं. 90 फीसदी लोग शराब के विरोधी हैं. 10 फीसदी में से भी पांच फीसदी के करीब जागरूक होकर शराब छोड़ रहे है. लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं जो कुछ भी कर लीजिए वे नहीं मानने वाले हैं.
सारण में जहरीली शराब से हुई मौत के बाद राज्य में बवाल मचा हुआ है. जिस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य में एक बार फिर शराबबंदी की सफलता को लेकर सर्वे करवा रहे हैं. इससे यह जानने में सहायता मिलेगी की शराबबंदी के बाद राज्य में क्या बदलाव आया है. इससे पहले भी चाणक्या लॉ यूनिवर्सिटी द्वारा सर्वे करवाया गया था. चंद लोग ही शराब के पक्षधर हैं. 90 फीसदी लोग शराब के विरोधी हैं. 10 फीसदी में से भी पांच फीसदी के करीब जागरूक होकर शराब छोड़ रहे है. लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं जो कुछ भी कर लीजिए वे नहीं मानने वाले हैं.
पीएम ने भी की थी शराबबंदी की तारीफ
सीएम ने शराबबंदी के कारण राजस्व हानि की बात करने वालों पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि शराबबंदी के बाद दूसरी वस्तुओं की बिक्री में कितनी बढ़ोतरी हुई है इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. वस्तुओं की बिक्री से जीएसटी संग्रह में बढ़ोतरी हुई. सरकार को राजस्व में कोई कमी नहीं हुई है. मुख्यमंत्री ने शराबबंदी कानून को लेकर भाजपा नेताओं द्वारा की जा रही है टिका-टिप्पणी पर कहा कि भाजपा बिहार के नेता क्या बोलेंगे, गुरु गोविंद सिंह जी की 350 वें प्रकाश पर्व समारोह में आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद बिहार की शराबबंदी की तारीफ की थी.
दूसरे राज्यों के लोग भी हैं शराबबंदी के समर्थक
मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरे राज्यों के लोग भी शराबबंदी के पक्षधर हैं. दूसरे राज्यों से मुझे बुलावा आते रहता है. झारखंड और छत्तीसगढ़ जैसे राज्य गए भी थे, वहां की सामान्य और ट्राइबल महिलाएं शराबबंदी की पक्षधर है. अभी भी दक्षिण भारतीय राज्यों से शराबबंदी को लेकर बुलावा है. तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के अबकारी विभाग की टीम बिहार की शराबबंदी कानून का अध्ययन करने आई थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब के दुष्परिणाम को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी रिपोर्ट जारी किया था, जिसकी कॉपी घर-घर बंटबाई गई थी. उन्होंने कहा कि राज्य में शराब के कारण से होने वाली दुर्घटना से मौत और घरेलू हिंसा में कमी आई है. राज्य में शराब-ताड़ी की बिक्री छोड़ने वाले 1.47 लाख लोगों को सहायता दी जा रही है. जिनसे उनके जीवन में बदलाव आया है. उन्हें एक लाख रुपया सहायता दी गई है, जरूरत पड़ी तो भी और राशि देंगे.
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ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम से सावधान रहने की जरूरत
मुख्यमंत्री ने सत्ता पक्ष के विधायकों को असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम को लेकर सचेत किया. कहा कि यह पार्टी एक भाजपा के एजेंट के रूप में काम कर रही है. गोपालगंज और कुढ़नी का जिक्र किए बिना ही उन्होंने कहा कि एआइएमआइएम के कारण हम लोगों दोनों सीट हारे हैं. एआइएमआइएम के चार विधायक जो राजद में गए हैं, उनके नेता पहले हमसे ही अप्रोच किए थे. मैंने साफ मना कर दिया था. मौके पर उपस्थित भाकपा माले के विधायकों को मुख्यमंत्री ने कहा कि एआइएमआइएम पर ध्यान रखिए, नहीं तो गड़बड़ हो जाएगा.