समाधान यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पार्टी संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के मन में क्या चल रहा है, उन्हें मालूम नहीं है. उन्होंने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा दो-तीन बार जदयू छोड़कर बाहर गये, फिर आये. उनकी क्या इच्छा है, हमको नहीं मालूम है. अभी तो उनकी तबीयत खराब है. बाहर हैं, पता चला है, हालचाल ले लेंगे. लेकिन कोई बात आ रही है तो सबको अपना-अपना अधिकार है.
सीएम ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात हुई थी तो वे पार्टी के पक्ष में ही बोल रहे थे. स्वस्थ होकर वे पटना आयेंगे, तो हम उनसे पूछ लेंगे कि क्या मामला है. पत्रकारों ने मुख्यमंत्री से पूछा कि उपेंद्र कुशवाहा से भाजपा के नेता मिल रहे हैं. क्या लगता है कि वे भाजपा के संपर्क में हैं? इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आप लोग ही उपेंद्र कुशवाहा से कह दीजिए कि वे मुझसे बात कर लें.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समाधान यात्रा के दौरान शनिवार को गया में कहा कि कॉलेज और यूनिवर्सिटी की स्थिति ठीक नहीं है. हम लोग विश्वविद्यालयों में सत्र को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मगध यूनिवर्सिटी का सेशन क्यों लेट हो रहा है, इसको लेकर हम पूछताछ करेंगे. सही समय पर परीक्षा और उसका रिजल्ट जारी होना चाहिए. इस संबंध में हमने पहले भी कहा है. इसको लेकर शिक्षा विभाग और गवर्नर साहब को भी कहा जा रहा है कि सभी यूनिवर्सिटी को देख लीजिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था को सुधारने को लेकर जो जरूरी चीज है, उसको लेकर हम लोग कहते रहते हैं. इससे पहले मुख्यमंत्री ने बोधगया के महाबोधि मंदिर में पूजा-अर्चना कर राज्य की सुख, शांति व समृद्धि की कामना की और कहा कि गया ऐतिहासिक जगह है और इससे मेरा काफी लगाव है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बिहार दौरे के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हर पार्टी को अपना कार्यक्रम करने का अधिकार है, उससे हमको कोई मतलब नहीं है. सभी पार्टियां कार्यक्रम करती रहती हैं.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि नीरा से पेड़ा, लाई, तिलकुट आदि तरह-तरह के उत्पाद तैयार हो रहे हैं. यह काफी स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक है. इसका ठीक ढंग से प्रचार-प्रसार कराएं ताकि इनकी और अधिक आमदनी बढ़ सके. ताड़ के वृक्ष से भी कई तरह की चीजें बन रही हैं. उन्होंने कहा कि नीरा उत्पादक बहुत ही बेहतर ढंग से काम कर रहे हैं. इन्हें सरकार की तरफ से हरसंभव मदद दी जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने बिहार में वर्ष 2019 में नीरा का उत्पादन शुरू कराया. अब सभी जगहों पर नीरा उत्पादन का काम हो रहा है. हमने लोगों से पहले ही कह दिया है कि ताड़ी का काम छोड़कर नीरा का उत्पादन कीजिए. इसके लिए जो भी मदद की जरूरत है वह सरकार करेगी. सरकार प्रति परिवार एक लाख रुपये तक की मदद करने को तैयार है. आगे जरूरत पड़ेगी तो और भी मदद की जायेगी. शराब काफी नुकसानदायक होता है उसकी जगह पर नीरा का सेवन करने से लोगों का स्वास्थ्य बेहतर होगा.
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मुख्यमंत्री ने गया जिले के बोधगया प्रखंड स्थित ग्राम पंचायत इलरा में नीरा उत्पादक समूह द्वारा लगायी गयी नीरा उत्पादन चक्र की जीवंत प्रदर्शनी का निरीक्षण किया. नीरा संग्रहण सह विपणन केंद्र एवं जीविका दीदियों द्वारा ताड़ के पेड़ से बनी चटाई, मौनी, पंखा आदि से संबंधित लगाये गये स्टॉल का भी मुख्यमंत्री ने मुआयना किया. उन्होंने नीरा उत्पादकों और जीविका दीदियों से संवाद किया.