नीतीश की यात्राएं-18 : बांका में उठा था बिजली का मुद्दा, युवा को बताया था आत्मनिर्भर बिहार की पूंजी
Nitish Kumar Yatra: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर प्रदेश की यात्रा पर हैं. 2005 में नवंबर महीने में मुख्यमंत्री बनने के पूर्व वे जुलाई महीने में न्याय यात्रा पर निकले थे. विकास यात्रा उनकी दूसरी यात्रा थी. नीतीश कुमार की अब तक 15 से अधिक यात्राएं हो चुकी हैं. आइये पढ़ते हैं इन यात्राओं के उद्देश्य और परिणाम के बारे में प्रभात खबर पटना के राजनीतिक संपादक मिथिलेश कुमार की खास रिपोर्ट की 18वीं कड़ी..
Nitish Kumar Yatra: किशनगंज की सभा में मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां जिले में 35 हाईस्कूल खोले जायेंगे़. सभी सात प्रखंडों में पांच-पांच हाईस्कूल खोले जाने की घोषणा की़. सीएम ने कहा कि युवा वर्ग ही बिहार की पूंजी है. ये स्वस्थ्य और शिक्षित हो जायें तो प्रदेश की तरक्की तय है. दूसरी बड़ी ताकत कृषि है, इसके लिए उन्होंने किसानों से अपनी जमीनें सुरक्षित रखने की अपील की. सीएम ने कहा कि आपके द्वारा उपजाये गये अनाज का उचित मूल्य हम दिलायेंगे. सरकार ने इस इलाके में महानंदा और उसकी सहायक नदियां मेंची, कंकई, बकरा और परमान पर 12 सौ किलोमीटर लंबा तटबंध बनाने का निर्णय लिया है. इस पर करीब छह सौ तीस करोड़ से अधिक की राशि खर्च की जायेगी. बांध के ऊपर सोलिंग की जायेगी, जिससे आवागमन भी हो सके.
जब नीतीश ने जनता से कहा- माफी मांग लेंगे
किशनगंज में विकास यात्रा का उद्देश्य बताते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि यह जनता के दरबार में सरकार उपस्थित हुई है, इस रूप में देखना है. इससे लोकतंत्र मजबूत हो रहा है. लोग खुल कर शिकायत कर रहे हैं. इन शिकायतों का त्वरित निपटारा भी किया जा रहा है. जिले में दो सालों में 125 छोटे पुलों का निर्माण किया गया है़. बिजली, सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा के बल पर सूबे का विकास होगा, लोगों से खुल कर आगे आने की अपील की. मुख्यमंत्री ने कहा कि आप अपने में बिहारीपन का भाव जगायें और प्रदेश के विकास में सहभागी बने. लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि साढ़े चार साल के काम की समीक्षा करेंगे और अपने विकास कार्यों से संतुष्ट नहीं होंगे तो आपसे माफी मांग लेंगे, वोट मांगने नहीं आयेंगे. इस सभा में मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव भी मौजूद थे.
बिहार में बदला है माहौल, कानून का राज हुआ कायम
विकास यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री बांका पहुंचे तो यहां उन्होंने लोगों से कहा कि साढ़े तीन साल के उनके शासन काल में राज्य का माहौल बदला है. लोगों में कानून व्यवस्था के प्रति विश्वास का भाव जगा है. यहां उन्होंने दो अरब की योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करते हुए लोगों में तनाव की जगह भाईचारा कायम करने की बात कही. जिले के पीबीएस कॉलेज परिसर में आयोजित सभा में मुख्यमंत्री ने जिले के विकास के लिए कई घोषणाएं की. जिले के मकरमडीहा में जनता दरबार में करीब ढाई घंटे से अधिक समय तक खड़े मुख्यमंत्री ने कई समस्याओं का ऑन स्पॉट निपटारा किया. मकरमडीहा में चांदन डैम के निर्माण को लेकर कई शिकायतें मिली.
भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई का भरोसा
मुख्यमंत्री ने कहा पटना से टीम आयेगी, जांच होगी़ गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई होगी. सीएम ने कहा शिक्षा के प्रति युवाओं में नया रुझान दिख रहा है. तीन साल पहले 25 लाख बच्चे स्कूल से बाहर थे, अब 10 लाख हैं. सरकार यहीं नहीं रुकेगी. सभी बच्चों को स्कूल में लाया जायेगा. हर बच्चा स्कूल जाये, इसकी व्यवस्था हो रही है. मुख्यमंत्री जारी थे– “हमने देखा है. गरीबी के कारण बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे. इसके लिए महादलित टोलों व गांवों में उत्थान केंद्र और अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में तालिमी मरकज खोले जा रहे हैं. यहां बच्चों को रहने, खाने और पढ़ाई की व्यवस्था की जा रही है.”
तब बिहार नहीं था बिजली में आत्मनिर्भर
सीएम ने कहा कि हम सत्ता में जन भागीदारी और बढ़ाना चाहते हैं. यही कारण है सरकार आपके दरवाजे पर खड़ी है. जनता और ताकतवर बने, यह मेरी इच्छा है. यहां जनता दरबार में आये लोगों ने बिजली की मांग रखी तो मुख्यमंत्री ने कहा बिजली में हम आत्मनिर्भर नहीं है. बरौनी और बाढ़ में हम कोशिश कर रहे है. सरकार प्रयासरत है. सीएम को सामने देखकर लोगों में भारी उत्साह था. लोगों को ऐसा प्रतीत हो रहा था कि सरकार खुद उसके सामने खड़ी है. उनकी समस्याओं का निपटारा अवश्य ही होगा. हुआ भी ऐसा ही. लोग अपनी समस्याओं की कागज मुख्यमंत्री के हाथों में देते, सीएम उसे पढ़ते और तत्काल साथ चल रहे मंत्री व अधिकारियों को कार्रवाई का निर्देश देते.
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