सक्षमता परीक्षा के प्रश्नों से नाराज दिखें नियोजित शिक्षक, संगठनों ने कहा शिक्षकों को किया गया अपमानित
सक्षमता परीक्षा के पहले दिन एग्जाम देकर निकले शिक्षकों ने कहा कि वे लोग छोटे-छोटे बच्चों को पढ़ाते हैं. परीक्षा की बिल्कुल भी तैयारी नहीं थी. सरकार ने परीक्षा लेने में जल्दबाजी की है.
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से बिहार के नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए सोमवार से सक्षमता परीक्षा (प्रथम) शुरू हो गयी. ऑनलाइन परीक्षा राज्य के नौ जिलों के 52 केंद्रों पर दो पालियों में हुई. परीक्षा शांतिपूर्ण रही, लेकिन परीक्षा में जो सवाल पूछे गये, उनसे शिक्षकों के पसीने छूट गये.
परीक्षा देकर निकले शिक्षकों ने बताया कि बीपीएससी शिक्षक नियुक्ति परीक्षा के पहले व दूसरे चरण के प्रश्नों से भी कठिन प्रश्न पूछे गये. विभिन्न शिक्षक संगठनों ने कहा कि एग्जाम के नाम पर शिक्षकों को अपमानित किया जा रहा है. विभिन्न शिक्षक संगठनों ने कहा कि 27 फरवरी से परीक्षा में उपस्थिति कम जायेगी.
शिक्षक संगठनों ने कहा हमारे साथ हुआ धोखा
परीक्षा देकर निकले शिक्षकों ने कहा कि वे लोग छोटे-छोटे बच्चों को पढ़ाते हैं. परीक्षा की बिल्कुल भी तैयारी नहीं थी. सरकार ने परीक्षा लेने में जल्दबाजी की है. शिक्षा विभाग की ओर से कहा गया था कि यह सक्षमता परीक्षा आसान होगी. पर इसके विपरीत परीक्षा में काफी कठिन सवाल पूछे गये. वे लोग बहुत कम आंसर दे पाये हैं. लैंग्वेज जो 30 नंबर का होता है वह बहुत ही हार्ड पूछा था.
इंग्लिश भी बहुत हार्ड था. 15 से 20 क्वेश्चन टीचिंग एप्टीट्यूड से पूछे गये थे. टीचिंग एप्टीट्यूड से 20 प्रश्न पूछे गये. जीके के 15 से 20 प्रश्न बहुत आसान पूछे गये थे. वहीं, एक अन्य महिला शिक्षक ने कहा कि सरकार हमारे साथ धोखा कर रही है. विभिन्न संगठनों ने भी प्रश्न पूछने के पैटर्न पर नाराजगी जतायी है. एक शिक्षक ने कहा कि एक साल रिटायरमेंट का रह गया है.
ऐसे में ऑनलाइन परीक्षा का हम जैसे लोगों से कोई मतलब नहीं है. ऐसा लगता है जैसे हम लोगों को निकालने की तैयारी है. शिक्षकों ने कहा कि मामूली परीक्षा बोलकर शिक्षकों को अपमानित किया जा रहा है. आक्रोशित शिक्षकों ने कहा कि मामूली परीक्षा के नाम पर बीपीएससी और यूपीएससी लेवल का सवाल पूछा गया है.
जूता-मोजा उतरवाये गये, लेट से पहुंचने पर नहीं मिला प्रवेश
शिक्षकों को जांच के बाद ही केंद्रों में प्रवेश दिलाया गया. जूता-मोजा भी खुलवाया गया. वहीं, लेट से सेंटर पर पहुंचने वाले शिक्षकों को प्रवेश नहीं दिया गया. परीक्षा देकर निकलने वाले शिक्षकों ने कहा कि ऑनलाइन परीक्षा में काफी परेशानी हुई. कंप्यूटर के अभ्यास नहीं होने के कारण ऑनलाइन परीक्षा में आंसर हल करने में काफी समय लग रहा था. माउस सही से नहीं चल पा रहा था.