कोरोना काल में गंभीर आर्थिक संकट के बावजूद शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मियों के वेतन में कोई कटौती नहीं : सुशील मोदी
पटना : स्नातकों और शिक्षकों के साथ संवाद के लिए आयोजित वर्चुअल सभा में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का स्वागत करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कोरोना संकट के मद्देनजर केरल, ओड़िशा आदि कई राज्यों द्वारा शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मियों के वेतन में जहां कटौती की गयी, वहीं बिहार में 3.5 लाख शिक्षकों के वेतन में गंभीर आर्थिक संकट के बावजूद 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गयी है.
पटना : स्नातकों और शिक्षकों के साथ संवाद के लिए आयोजित वर्चुअल सभा में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का स्वागत करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कोरोना संकट के मद्देनजर केरल, ओड़िशा आदि कई राज्यों द्वारा शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मियों के वेतन में जहां कटौती की गयी, वहीं बिहार में 3.5 लाख शिक्षकों के वेतन में गंभीर आर्थिक संकट के बावजूद 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गयी है.
वेतन वृद्धि किये जाने से उनके मूल वेतन में 2,700 से 4,000 तक की वृद्धि होगी. इससे राज्य सरकार को 2,765 करोड़ का अतिरिक्त व्यय वहन करना पड़ेगा. साथ ही विश्वविद्यालय शिक्षकों को 7वें वेतनमान का लाभ दिया गया है.
हाल ही में 4,638 सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला गया है. उच्च शिक्षा के लिए एक लाख से ज्यादा नौजवानों को महज 4 प्रतिशत के ब्याज पर 1,100 करोड़ का ऋण दिया गया है.
प्रदेश की शेष बची 3,350 पंचायतों में नौंवी की पढ़ाई तथा राज्य के 5,500 स्कूलों में टीवी और इंटरनेट के जरिए स्मार्ट क्लास शुरू की गयी है. लड़कियों की शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए सभी वर्ग और श्रेणी से इंटर उत्तीर्ण करनेवाली लड़कियों को 10 हजार और स्नातक उत्तीर्ण करने पर 25 हजार रुपये दिया जा रहा है.
मोदी ने कहा कि एनडीए के पहले जिन लोगों को 15 साल राज करने का मौका मिला, उन्होंने चरवाहा विद्यालय खोला, जो उन्हीं के कार्यकाल में बंद भी हो गया. उन्होंने पहलवान विद्यालय खोलने का एलान किया था, जबकि एनडीए के कार्यकाल में आईआईटी, लॉ यूनिवर्सिटी, प्रबंधन संस्थान सहित दर्जनों राष्ट्रीय स्तर के संस्थान खोले गये हैं.