राज्य सरकार के खजाने पर दबाव नहीं
केंद्र और राज्य में एक ही गठबंधन होने का फायदा बिहार को मिल रहा है. डबल इंजन की सरकार में केंद्र से राज्य को मिलने वाली राशि नियमित अंतराल पर मिल रही है.
नियमित अंतराल पर आ रही है राशि, बढ़ रहा जीएसटी संग्रह
संवाददाता,पटनाकेंद्र और राज्य में एक ही गठबंधन होने का फायदा बिहार को मिल रहा है. डबल इंजन की सरकार में केंद्र से राज्य को मिलने वाली राशि नियमित अंतराल पर मिल रही है. जिस कारण से राज्य सरकार के खजाने पर दबाव महसूस नहीं किया जा रही है. राज्य सरकार के खुद का राजस्व संग्रह भी ठीक ढंग से चल रहा है.पिछले सालों की तुलना में जीएसटी का संग्रह भी अधिक हुआ है.इसका अंदाजा नवंबर में हुई जीएसटी वसूली से लगाया जा सकता है.नवंबर 2024 में 1561 करोड़ रुपये की वसूली हुई, जबकि नवंबर 2023 में 1388 करोड़ की हुई थी.
राज्य सरकार को सबसे अधिक राशि केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में मिलती है. चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य को केंद्रीय करों से 1.25 करोड़ के करीब मिलने की उम्मीद है.वित्त विभाग के सूत्रों का कहना है कि नवंबर तक करीब 75 हजार करोड़ मिल चुकी है.दिसंबर में भी नौ हजार करोड़ के करीब मिलने की उम्मीद है. वहीं,ग्रांट एवं एड मद में भी अभी तक 25 हजार करोड़ से अधिक की राशि मिली है.
वैट और जीएसटी संग्रह भी अभी तक हुआ करीब 27 हजार करोड़राज्य सरकार के अपने राजस्व में सबसे अधिक हिस्सेदारी वैट और जीएसटी का है. दोनों करों की वसूली पिछले साल से अधिक हो रही है.पिछले अप्रैल से नवंबर तक वैट और जीएसटी संग्रह करीब 24 हजार करोड़ हुआ था,जो इस साल,इस अवधि बढ़कर 27 हजार करोड़ के करीब हो गया है. वाणिज्य कर विभाग के सूत्रों का कहना है कि वैट और जीएसटी मद में सर्वाधिक संग्रह अंतिम तिमाही यानी जनवरी,फरवरी और मार्च के महीने में होता है.उल्लेखनीय है कि वैट और जीएसटी मद में विभाग ने इस वित्तीय वर्ष में 42500 करोड़ वसूली का लक्ष्य रखा है. वहीं, निबंधन से भी करीब चार हजार करोड़ से अधिक राज्य सरकार के खजाने में आयी है.जहां तक परिवहन विभाग के राजस्व की बात है तो राज्य में गाड़ियों की बिक्री में बढ़ोतरी हुई नतीजतन खजाने में ढाई हजार करोड़ की राशि जमा हुई है.
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