उत्तर बिहार को बाढ़ से मिलेगी राहत, जल प्रबंधन के लिए उच्चस्तरीय समिति गठित

उत्तर बिहार की विभिन्न नदियों में हर साल आने वाली बाढ़ से राहत मिलेगी. इन नदियों के पानी के बेहतर प्रबंधन के लिए नये बराज और अन्य संरचनाओं के निर्माण की संभावनाओं का पता लगाने के लिए केंद्र सरकार के निर्देश पर केंद्रीय जल आयोग ने पांच सदस्यीय एक उच्चस्तरीय समिति गठित की है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 4, 2024 1:04 AM

– राज्यसभा सांसद संजय झा की पहल पर एक्शन में केंद्र सरकार संवाददाता, पटना उत्तर बिहार की विभिन्न नदियों में हर साल आने वाली बाढ़ से राहत मिलेगी. इन नदियों के पानी के बेहतर प्रबंधन के लिए नये बराज और अन्य संरचनाओं के निर्माण की संभावनाओं का पता लगाने के लिए केंद्र सरकार के निर्देश पर केंद्रीय जल आयोग ने पांच सदस्यीय एक उच्चस्तरीय समिति गठित की है. फिलहाल यह समिति अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपने वाली है. यह जानकारी राज्यसभा सांसद संजय कुमार झा ने दी है. उन्होंने कहा है कि एनडीए की डबल इंजन की सरकार उत्तर बिहार में हर साल बाढ़ के रूप में आने वाली आपदा को अवसर में तब्दील करेगी. इससे उत्तर बिहार में तेजी से विकास का मार्ग प्रशस्त होगा. संजय कुमार झा ने बताया है कि बिहार के विकास और उत्तर बिहार में बाढ़ के दीर्घकालिक समाधान से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से विस्तृत चर्चा हुई थी. इसके बाद 28 जून, 2024 को पूर्वाह्न में श्री झा ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से संसद भवन स्थित उनके कक्ष में मुलाकात कर उत्तर बिहार में बाढ़ के प्रभाव की विस्तृत जानकारी दी. साथ ही इसका प्रभाव कम करने से संबंधित सुझाव दिया. केंद्रीय वित्त मंत्री ने सुझावों को काफी गंभीरता से सुना और उसी दिन शाम में एक और उच्चस्तरीय मीटिंग बुलायी. मीटिंग में केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर और केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय की सचिव देबश्री मुखर्जी के अलावा वित्त, विदेश और जलशक्ति मंत्रालय के कुछ वरीय अधिकारी भी शामिल हुए. संजय झा ने दी बाढ़ से संबंधित विस्तृत जानकारी इस महत्वपूर्ण मीटिंग में उत्तर बिहार में बाढ़ के प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से बेहतर जल प्रबंधन का एक विस्तृत खाका तैयार करने के मुद्दे पर विस्तृत चर्चा हुई. इस मीटिंग में राज्यसभा सांसद संजय झा ने विस्तार से बताया कि नेपाल से आने वाली नदियों की बाढ़ उत्तर बिहार के विकास की राह में कितनी बड़ी बाधा है. बाढ़ से जानमाल की सुरक्षा के कार्यों, राहत और पुनर्वास के उपायों में बिहार सरकार को हर साल बड़ी राशि खर्च करनी पड़ती है, इससे राज्य का विकास प्रभावित होता है. इसके समाधान के लिए कई सुझाव भी दिये. बेहतर जल प्रबंधन की संभावनाओं का लगाया जायेगा पता इस मीटिंग में तय किया गया कि एक उच्चस्तरीय समिति उत्तर बिहार की विभिन्न नदियों के जल के बेहतर प्रबंधन के लिए नये बराज एवं अन्य संरचनाओं के निर्माण की संभावनाओं का पता लगायेगी. केंद्रीय जल आयोग ने 28 जून को ही पांच सदस्यीय समिति का गठन भी कर दिया. समिति में लोअर गंगा बेसिन ऑर्गेनाइजेशन पटना के मुख्य अभियंता अंबरीश नायक को चेयरमैन, गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग के डायरेक्टर संजीव कुमार, केंद्रीय जल आयोग के तहत बीसीडी के डायरेक्टर एसके शर्मा और जल संसाधन विभाग, बिहार सरकार के प्रतिनिधि को सदस्य, सहित जबकि लोअर गंगा बेसिन ऑर्गेनाइजेशन के सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर को सदस्य सचिव बनाया गया है. इस समिति को अपनी एक प्रारंभिक रिपोर्ट गुरुवार तक सौंप देनी है.

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