समय पर सेस नहीं देने पर तय राशि से दोगुना देना होगा जुर्माना

- श्रम संसाधन विभाग का है नियम, 10 लाख के निर्माण पर देना होता है एक फीसदी सेस

By Prabhat Khabar News Desk | October 26, 2024 1:24 AM

– श्रम संसाधन विभाग का है नियम, 10 लाख के निर्माण पर देना होता है एक फीसदी सेस

संवाददाता, पटना

राज्य के निबंधित मजदूरों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए श्रम संसाधन विभाग ने अब सेस वसूली में सख्ती बरतने का निर्णय लिया है. इसके तहत घर-दुकान बनाने के दौरान समय पर सेस (उपकर) नहीं देने वालों को ब्याज देना होगा. विभाग ने ऐसे लोगों से हर महीने दो फीसदी ब्याज वसूलने का निर्णय लिया है. ब्याज के रूप में लोगों से अधिकतम दोगुनी राशि तक वसूली जायेगी.

कुल निर्माण लागत का एक फीसदी उपकर राशि जमा करने का प्रावधान

विभागीय अधिकारियों के मुताबिक नियमानुसार सभी निजी- सरकारी निर्माण कार्यों के विरुद्ध कुल निर्माण लागत का एक फीसदी उपकर राशि जमा किए जाने का प्रावधान है. कार्य शुरू होने के 30 दिनों के अंदर प्रपत्र-एक में सूचनाएं भरकर उपकरण निर्धारण पदाधिकारी के समक्ष सेस का भुगतान करना होता है.सरकार ने नगर निकायों को भी यह जिम्मेवारी दी है कि नक्शा पारित करते समय ही सेस की वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दें. सेस का भुगतान उप श्रमायुक्त सह उपकर निर्धारण पदाधिकारी के समक्ष करना होता है. अगर निर्माण करने वालों ने सूचनाएं नहीं दी, तो उपकर निर्धारण पदाधिकारी सूचना मिलने पर इस बाबत आवश्यक कार्रवाई करेंगे. समय पर उपकर राशि जमा नहीं करने वालों से प्रतिमाह दो फीसदी की दर से ब्याज देना होगा. नियोक्ताओं से मिली राशि बोर्ड में जमा की जाती है. फिर वही राशि मजदूरों के कल्याण पर खर्च किया जाता है.

सेस नहीं देने वालों के खिलाफ विभाग की ओर से आवश्यक कार्रवाई की जाती है

समय पर सेस नहीं देने वालों के खिलाफ विभाग की ओर से आवश्यक कार्रवाई की जाती है. मौजूदा वित्तीय वर्ष में विभागीय अधिकारियों ने 3364 परिसरों का औचक निरीक्षण किया. इसके तहत 1986 लोगों को नोटिस दिया गया है. इसके विरुद्ध विभाग को 10 करोड़ 57 लाख रुपए सेस के रूप में प्राप्त हुए. अभी 90 से अधिक नोटिस का निबटारा किया जाना बाकी है. अधिकारियों के अनुसार अधिक से अधिक मजदूरों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए ही विभाग ने इस रणनीति पर काम शुरू कर दिया है. जीआइएस के माध्यम से फिलहाल पटना, गया और मुजफ्फरपुर में उपकरण मूल्यांकन एवं संग्रहण का कार्य किया जाना है.एजेंसी के द्वारा दानापुर, खगौल, पटना, बोधगया और गया में जीआइएस मैपिंग किया जा रहा है.इन तीन शहरों के बाद राज्य के अन्य जिलों में भी यही व्यवस्था लागू होगी.

एक नजर में सेस

वित्तीय वर्ष वसूली हुई राशि (करोड़ में)

2019-20 289.75

2020-21 329.97

2021-22 372.97

2022-23 464.69

2023-24 694.80

2024-25 337.27(आठ अक्तूबर तक)

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