अब मलेरिया और गठिया में उपयोग होने वाली दवा से होगा कोरोना वरियर्स का बचाव
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर वरियर्स को एचसीक्यू हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा की खुराक दी जायेगी. इस दवा का इस्तेमाल मलेरिया और गठिया जैसी बीमारियों के लिए मरीजों को दिया जाता रहा है. कोरोना वायरस से बचाव को लेकर इस दवा के इस्तेमाल को लेकर आइसीएमआर ने एडवाइजरी जारी कर दी है.
पटना : कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर वरियर्स को एचसीक्यू हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा की खुराक दी जायेगी. इस दवा का इस्तेमाल मलेरिया और गठिया जैसी बीमारियों के लिए मरीजों को दिया जाता रहा है. कोरोना वायरस से बचाव को लेकर इस दवा के इस्तेमाल को लेकर आइसीएमआर ने एडवाइजरी जारी कर दी है. इसमें यह स्पष्ट कर दिया गया है कि इस दवा की खुराक लेने के बाद संक्रमण का खतरा काफी कम हो जायेगा. आइसीएमआर की एडवायजरी पूरे देश के लिए है और पटना में इसे लेकर मंथन शुरू कर दिया गया है.
खास बात यह है कि दवा की खुराक देने से पहले कर्मियों की सेहत की भी जांच करायी जायेगी, ताकि दवा का रिएक्शन न हो. कई विशेषज्ञों ने दवा की खुराक देने को सही ठहराया आइसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च), दिल्ली एम्स, एनसीएमडी, एडीएमए, डब्ल्यूएचओ आदि के विशेषज्ञों ने संयुक्त रूप से शोध की और इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि इस दवा की खुराक दी जा सकती है. आइसीएमआर ने अपनी एडवाइजरी में दवा को कोविड-19 और नॉन कोविड-19 के क्षेत्र में काम करने वाले कर्मियों को देने को कहा है. पूर्व में 23 मार्च को भी दवा को लेकर एडवाइजरी जारी की थी.
स्वास्थ्य कर्मी के साथ ही पुलिस जवान भी हो चुके हैं संक्रमित हाल के दिनों में डॉक्टर और नर्स के साथ कई स्वास्थ्य कर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं. नालंदा के एक डॉक्टर, आइजीआइएमएस व एनएमसीएच की नर्स वायरस की चपेट में आ चुकी हैं. इसके अलावे कई सफाईकर्मी भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं. बीएमपी के कई जवान कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण आइसोलेशन सेंटर में भर्ती हैं. बताया जाता है कि इस दवा की खुराक लेने से काफी हद तक कोरोना संक्रमण से बचा जा सकता है. दिल्ली एम्स के स्वास्थ्य कर्मियों पर किया गया था परीक्षण दिल्ली एम्स के 334 स्वास्थ्य कर्मियों का ऑब्जरवेशन किया गया.
इसमें यह पाया गया कि जिन लोगों ने दवा को लिया था, उनमें दवा नहीं लेने वालों की अपेक्षा काफी कम कोरोना वायरस का संक्रमण हुआ. इस कारण इस दवा को हरी झंडी दे दी गयी. हालांकि इस दवा को 15 साल से कम उम्र के लोगों और गर्भवती को देने से मना किया गया है. पटना जिले के कोरोना वरियर्स को दी जा सकती है दवा की खुराक पटना जिले के साथ ही अन्य जिलों के सभी विभागों के पदाधिकारियों व कर्मियों को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा की खुराक दी जा सकती है, जो कोरोना वायरस से लड़ रहे हैं.
दिखी कुछ हल्की परेशानी दवा के परीक्षण के बाद कुछ लोगों में हल्की शारीरिक परेशानी दिखी. इसमें 8.9 फीसदी लोगों में जी मिचलाना, 7.3 फीसदी लोगों में पेट दर्द, 1.5 फीसदी लोगों में उल्टी, 1.7 लोगों में हाइपोग्लेसिमिया व 1.9 फीसदी लागों में कार्डियो-वेस्कुलर प्रभाव दिखा.दवा का डोज400 एमजी दवा एक दिन में दो बार दी जायेगी. इसके बाद सप्ताह में एक दिन 400 एमजी एक बार और फिर लगातार तीन सप्ताह से सात सप्ताह तक खुराक लेनी होगी. इन लोगों को दी जायेगी दवा की खुराक -पुलिसकर्मी-स्वास्थ्यकर्मी-जिला प्रशासन-सफाईकर्मी व अन्य कई विभागों के कर्मी नोट : ये सभी प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से कोरोना संक्रमितों के आसपास ही ड्यूटी करते हैं, जिसके कारण कोरोना वायरस के संक्रमण की आशंका इन लोगों में सबसे ज्यादा होती है.