संवाददाता,पटना
अब बिना वैध खातों की सूचना दिये जीएसटीआर-1 दाखिल नहीं होगा. यह व्यवस्था इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) के दुरुपयोग सहित कर-चोरी को रोकने के उद्देश्य से की गयी है. वाणिज्य कर विभाग को इस नयी व्यवस्था के प्रभावी होने से पांच प्रतिशत तक जीएसटी संग्रह में वृद्धि का अनुमान है. यह नयी व्यवस्था अगस्त, 2024 से आगे की कर अवधि के लिए प्रभावी रही. अब करदाता जीएसटी पोर्टल पर अपने पंजीकरण विवरण में वैध बैंक खाते का विवरण प्रस्तुत किये बिना जीएसटीआर-01 या आइएफएफ दाखिल नहीं कर पायेंगे. दरअसल, अब तक कई मामलों में यह पाया गया कि उद्यमी या व्यवसायी वैध खातों की सूचना दिये बगैर ही जीएसटीआर-1 या इनवायस फर्निशिंग सुविधा (आइएफएफ) दाखिल कर दिये. अब ऐसी हेराफरी की संभावना समाप्त हो चुकी है, क्योंकि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में फर्जी और धोखाधड़ी वाले पंजीकरणों पर नियंत्रण के लिए नियम-10ए में संशोधन प्रभावी हो चुका है. उल्लेखनीय है कि जीएसटी परिषद ने पिछले वर्ष जुलाई में इस संशोधन को अपनी स्वीकृति दी थी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है