संवाददाता, पटना सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यापकों को अब प्रतिदिन कक्षा लेनी होगी. इसकी रिपोर्ट शिक्षा विभाग को देनी होगी. प्रधानाध्यापकों को प्रत्येक कक्षा का भ्रमण करने का भी निर्देश दिया गया है. इसे होगा कि प्रधानाध्यापक को यह पता चलेगा कि किस कक्षा में किस विषय के शिक्षक पढ़ा रहे हैं. बच्चों में उक्त विषय की समझ आ रही या नहीं. बच्चों को दिये गये एफएलएन किट का प्रयोग पढ़ाने में हो रहा या नहीं, यह पता चल पायेगा. जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि प्राय: देखा जा रहा है कि प्रधानाध्यापक स्कूल के कागजी काम में ही फंसे रहते हैं, वे कक्षाएं नहीं लेते हैं. अब प्रधानाध्यापक अपने कार्यों का बंटवारा शिक्षकों में करेंगे. शिक्षक प्रधानाध्यापक का सहयोग करेंगे. इससे होगा कि प्रधानाध्यापक कक्षाएं ले पायेंगे. प्रधानाध्यापक जब कक्षाएं लेंगे तो अन्य शिक्षकों में पढ़ाने के प्रति उत्साह जागेगा. स्कूल में प्रधानाध्यापक की अलग छवि रहती है. निरीक्षण कर्मी करेंगे पाठ्यपुस्तक का अध्ययन, बच्चों से पूछेंगे सवाल: स्कूलों का निरीक्षण कर्मी भी कक्षाओं में जाकर पढ़ाई की व्यवस्था को देखेंगे. निरीक्षण कर्मी बच्चों से संबंधित विषय पर सवाल भी कर सकते हैं. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि निरीक्षण कर्मी को भी पाठ्यपुस्तक का अध्ययन करने के लिए कहा गया है. पाठ्यपुस्तक की जानकारी होगी तभी निरीक्षण कर्मी बच्चों से सवाल कर सकते हैं.ो
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