Bank News: अब सांसद या विधायक नहीं बन सकेंगे शहरी सहकारी बैंक के एमडी, रिजर्व बैंक ने लगायी रोक

अब विधायक, सांसद या नगर निगम के पार्षद प्राथमिक शहरी सहकारी बैंकों के प्रबंध निदेशक या पूर्णकालिक निदेशक (डब्ल्यूटीडी) नहीं बन सकेंगे. रिजर्व बैंक ने इनकी नियुक्तियों पर रोक लगाते हुए इस पद के लिए न्यूनतम योग्यता भी तय कर दी है. रिजर्व बैंक के चीफ जनरल मैनेजर (प्रभारी) नीरज नि‍गम की ओर से शुक्रवार को जारी गाइडलाइन के अनुसार शहरी सहकारी बैंकों में एमडी या पूर्णकालिक निदेशक पद के लिए विधायक, सांसद या नगर निगम प्रतिनिधियों को नियुक्त नहीं किया जा सकेगा.

By Prabhat Khabar News Desk | June 27, 2021 7:32 AM

सुबोध कुमार नंदन, पटना: अब विधायक, सांसद या नगर निगम के पार्षद प्राथमिक शहरी सहकारी बैंकों के प्रबंध निदेशक या पूर्णकालिक निदेशक (डब्ल्यूटीडी) नहीं बन सकेंगे. रिजर्व बैंक ने इनकी नियुक्तियों पर रोक लगाते हुए इस पद के लिए न्यूनतम योग्यता भी तय कर दी है. रिजर्व बैंक के चीफ जनरल मैनेजर (प्रभारी) नीरज नि‍गम की ओर से शुक्रवार को जारी गाइडलाइन के अनुसार शहरी सहकारी बैंकों में एमडी या पूर्णकालिक निदेशक पद के लिए विधायक, सांसद या नगर निगम प्रतिनिधियों को नियुक्त नहीं किया जा सकेगा.

नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यता

इस पद पर नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यता परास्नातक या वित्तीय क्षेत्र की डिग्री मानी जायेगी. इसके अलावा चार्टर्ड अकाउंटेंट, एमबीए (फाइनेंस) या बैंकिंग में डिप्लोमा अथवा सहकारी कारोबार प्रबंधन में डिप्लोमा धारक को भी एमडी या पूर्णकालिक निदेशक नियुक्त किया जा सकेगा. आवेदक की उम्र 35 साल से कम और 70 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.

अधिकतम 15 साल होगा कार्यकाल

बैंकिंग क्षेत्र में वरिष्ठ के पद पर आठ साल का अनुभव रखने वाला व्यक्ति भी सहकारी बैंकों के एमडी या पूर्णकालिक निदेशक पद के योग्य माना जायेगा. प्रतिनिधियों के अलावा कारोबारी अथवा सहकारी कंपनी में किसी भी तरह से हित रखने वाले की नियुक्ति भी इस पद पर नहीं की जा सकेगी. रिजर्व बैंक के अनुसार एक व्यक्ति की नियुक्ति अधिकतम पांच साल के लिए होगी और उसे दोबारा भी नियुक्त किया जा सकेगा. हालांकि पूरा कार्यकाल 15 साल से अधिक नहीं होगा. बेहद जरूरत पर ही इसे तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है.

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दोबारा नियुक्ति की प्रक्रिया

जिन शहरी सहकारी बैंकों के एमडी या सीइओ का कार्यकाल पांच साल पूरा हो चुका है, वे दो महीने के भीतर दोबारा नियुक्ति के लिए या नयी नियुक्ति के लिए रिजर्व बैंक से संपर्क करेंगे. किसी की भी दोबारा नियुक्ति के लिए कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही रिजर्व बैंक से मंजूरी लेनी होगी.

सीआरओ की नियुक्ति

रिजर्व बैंक ने कहा कि पांच हजार करोड़ से ज्यादा पूंजी वाले सहकारी बैंकों को अनिवार्य रूप से मुख्य जोखिम अधिकारी (सीआरओ) नियुक्त करना होगा. साथ ही सभी सहकारी बैंकों को जोखिम के आकलन के लिए पुख्ता प्रबंध बनाने होंगे.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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