कैंपस : प्रतिदिन नहीं अब सप्ताह में 15 स्कूलों का ही होगा निरीक्षण
हर सप्ताह सौंपी गयी रिपोर्ट के आधार पर जिला शिक्षा कार्यालय और शिक्षा विभाग की ओर से कार्रवाई की जायेगी.
संवाददाता, पटना
पटना जिले में कार्यरत शिक्षा विभाग के कर्मी अब प्रतिदिन नहीं बल्कि सप्ताह में 15 स्कूलों का निरीक्षण करेंगे. शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार अब प्रत्येक निरीक्षण कर्मी को सप्ताह में 10 से 15 स्कूलों का निरीक्षण करना होगा. एक सप्ताह के निरीक्षण के बाद स्कूल में जो भी कमियां पायी जायेंगी, उस रिपोर्ट के अनुसार संबंधित व्यक्ति या संभाग पर सख्त कार्रवाई की जायेगी. हर सप्ताह सौंपी गयी रिपोर्ट के आधार पर जिला शिक्षा कार्यालय और शिक्षा विभाग की ओर से कार्रवाई की जायेगी. सरकारी स्कूलों के साथ-साथ निजी स्कूलों का भी निरीक्षण किया जायेगा. इसमें प्रति सप्ताह तीन से चार निजी स्कूलों का निरीक्षण किया जायेगा. स्कूलों के निरीक्षण के लिए शिक्षा विभाग की ओर से 15 प्वाइंट का अलग से फॉर्मेट तैयार किया गया है. फॉर्मेट के आधार पर ही निरीक्षण कर्मी स्कूल की जांच करेंगे.निजी स्कूलों के रजिस्ट्रेशन पर होगी कड़ी नजर
निरीक्षण कर्मियों का फोकस वैसे निजी स्कूलों पर होगा, जिन्होंने अब तक शिक्षा विभाग के इ-संबंधन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है. जिले में कक्षा एक से आठवीं में करीब 3500 स्कूल संचालित किये जा रहे हैं. मगर इनमें से मात्र 856 स्कूलों ने इ-संबंधन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया है. इसके अलावा जिन स्कूलों ने यूृ-डायस कोड जेनरेट नहीं कराया है वैसे स्कूल प्रबंधकों पर जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से कार्रवाई की जायेगी. फॉर्मेट के अनुसार स्कूल में आरटीइ के तहत एडमिशन लेने वाले बच्चों की डिटेल, यू-डायस कोड, इ-संबंधन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन, कुल शिक्षक और कर्मी की संख्या, स्कूल की ओर से संचालित की जाने वाली वाहनों का रजिस्ट्रेशन, वाहन मानक, ड्राइवरों की संख्या और प्रमाणपत्र, ग्राउंड स्पेस आदि की रिपोर्ट निरीक्षण कर्मियों को देनी होगी.इन प्रमुख बिंदुओं पर स्कूलों की जांच रिपोर्ट तैयार करेंगे निरीक्षण कर्मी
– स्कूल में शिक्षक और बच्चों की संंख्या के अनुरूप क्लास में ब्लैकबोर्ड, चॉक, डस्टर आदि– स्कूल में निर्माणाधीन असैनिक कार्य की प्रगति रिपोर्ट
– स्कूल में संचालित मध्याह्न भोजन, किचेन शेड बर्तन की उपलब्धता– स्कूल में पीने की पानी और शौचालय की व्यवस्था
– क्लास में बच्चों की संख्या के अनुपात में बेंच-डेस्क की उपलब्धता– स्कूल में आइसीटी लैब और प्रयोगशाला की स्थिति
– स्कूल की चहारदीवारी और मैदानों की स्थिति– विद्यार्थियों को मिलने वाली एफएलएन किट और स्पोर्ट्स किट की उपलब्धता
– स्कूल में शिक्षक और बच्चों की उपस्थिति की रिपोर्ट– स्कूली बच्चों के आधार कार्ड बनाने की स्थिति
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