– पानी की बर्बादी रोकने और पानी का महत्व समझाने के लिए गांव-गांव के चौपाल में चलेंगी फिल्में
पीएचइडी पानी की बर्बादी रोकने के लिए अब रात्रि जल चौपाल शुरू करेगा. इसमें हर घर नल का जल योजना से जुड़े लोगों को जागरूक किया जायेगा और उन्हें पानी को लेकर होने वाली ऐसी फिल्में दिखायी जायेंगी, जिसमें पानी नहीं मिलने से लोगों को कितनी परेशानी होती है.जल चौपाल में विभागीय अधिकारी के नेतृत्व में आयोजित होगा और इसमें गांव के आमलोग, मुखिया, पार्षद, जनप्रतिनिधि, सेविका-सहायिका और जीविका दीदी भी रहेंगी. अब तक 99 प्रतिशत लोगों तक हर घर नल का जल पहुंच रहा है. वहीं, पानी से जनित बीमारियां भी कम हुई हैं.
20 प्रतिशत से अधिक लोग जानबूझ करते हैं पानी की बर्बादीविभाग का मानना है कि हर घर नल का जल योजना से जुड़े लाभुकों में 20 प्रतिशत से अधिक ऐसे हैं, जो जानबूझ कर पानी बर्बाद करते है. पांच प्रतिशत पानी बर्बाद होते देखते हैं,लेकिन उनका यह माना है कि इसे सरकार दुरुस्त करेगी. 10 प्रतिशत लोग पीने के पानी को गाड़ी धोने व मवेशी धोने में बर्बाद कर रहे हैं. वहीं, ग्रामीण इलाकों में यह भी शिकायत विभाग तक पहुंचती है कि लोग शादी या किसी और काम के लिए जलापूर्ति योजना का उपयोग करते रहते हैं. वहीं, दो प्रतिशत ऐसे लोग हैं, जो पानी की चोरी करते हैं और योजना में अलग से मोटर लगाकर पानी खींचते हैं. गया सहित कई जिलों में इसको लेकर एफआइआर तक करायी गयी है.
पानी बर्बादी करने वालों का कटेगा कनेक्शनविभाग ने जिलों को सख्त निर्देश दिया है कि जलापूर्ति योजना को बर्बाद करने वालों का कनेक्शन काटा जाये.दूसरी बार कनेक्शन देने से पूर्व शपथ पत्र लिया जाये , ताकि दोबारा से पानी की बर्बादी नहीं कर सकें. विभागीय समीक्षा में इसको लेकर रिपोर्ट आयी है कि लोगों के घरों में नल की टोटी खराब हो जाने पर भी उसे बदलते नहीं है. कपड़ा से बांध कर काम करते हैं. इस कारण नल बंद रहने के बाद भी पानी गिरता रहता है.
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