संवाददाता, पटना राजस्व न्यायिक प्रक्रिया अब एक ही पोर्टल से ऑनलाइन हो गयी हैं. किसी भी मामले में किसी प्रक्रिया के ऑफलाइन संचालन की जानकारी मिलने पर संबंधित अधिकारी व कर्मचारी पर कार्रवाई होगी. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इस प्रक्रिया के पालन का निर्देश सभी अंचल अधिकारी (सीओ), भूमि सुधार उप समाहर्ता (डीसीएलआर) और अपर समाहर्ता (एडीएम) को दिया है. इन सभी न्यायालयों के पहले के सभी आदेश और वाद अभिलेख पूरी तरह ऑनलाइन होंगे. अगले चरण में समाहर्ता और प्रमंडलीय आयुक्त के राजस्व न्यायालय को भी इसी पोर्टल में समेकित कर दिया जायेगा. सूत्रों के अनुसार वर्ष 2017 से ही अंचल अधिकारियों द्वारा दाखिल -खारिज प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी गयी थी. वहीं 20 मार्च ,2024 और एक अप्रैल, 2024 से अपर समाहर्ता सहित भूमि सुधार उप समाहर्ता के न्यायालय की सभी प्रक्रिया भी पूर्णरूपेण ऑनलाइन करने का निर्देश दिया गया है. ये सभी न्यायालय अलग-अलग पोर्टल से संचालित हो रहे थे. अब इन सभी का संचालन एक ही पोर्टल पर होगा. आवेदन की प्रक्रिया में गलती की जांच की व्यवस्था भी की गयी है. इससे आवेदक में त्रुटि रहने पर उसे दूर करने का एक मौका आवेदक को मिल सकेगा. इस कारण कोई आवेदन खारिज नहीं होगा. राजस्व न्यायालय में आवेदन किये जाने के लिए भूमि का विवरण ही पर्याप्त होगा. उससे संबंधित खाता, खेसरा, जमाबंदी नंबर और रकबा का उल्लेख किये जाने की अनिवार्यता समाप्त कर दी गयी है.
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