बिहार के हर टोले-बसावट की ग्रामीण सड़कें होगी तैयार, मुख्य सड़कों से जोड़ने की तैयारी हुई शुरू
राज्य में छूटे हुए टोले और बसावटाें को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए उनकी जांच मोबाइल ऐप से की जायेगी. इसके बाद ग्रामीण सड़कें बनायी जायेंगी. इस संबंध में शनिवार को एक घंटे के प्रशिक्षण का आयोजन बेल्ट्रॉन के माध्यम से किया गया. यह प्रशिक्षण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दोपहर करीब 12 से एक बजे के बीच हुआ. इसमें सभी सुपरिटेंडिंग इंजीनियर, एक्सक्यूटिव इंजीनियर, असिस्टेंट और जूनियर इंजीनियर सहित सहायक आइटी प्रबंधक शामिल हुए.
राज्य में छूटे हुए टोले और बसावटाें को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए उनकी जांच मोबाइल ऐप से की जायेगी. इसके बाद ग्रामीण सड़कें बनायी जायेंगी. इस संबंध में शनिवार को एक घंटे के प्रशिक्षण का आयोजन बेल्ट्रॉन के माध्यम से किया गया. यह प्रशिक्षण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दोपहर करीब 12 से एक बजे के बीच हुआ. इसमें सभी सुपरिटेंडिंग इंजीनियर, एक्सक्यूटिव इंजीनियर, असिस्टेंट और जूनियर इंजीनियर सहित सहायक आइटी प्रबंधक शामिल हुए.
सूत्रों के अनुसार राज्य के विभिन्न स्तर के जनप्रतिनिधियों के माध्यम से ग्रामीण कार्य विभाग को ऐसी शिकायतें मिल रही थीं कि कई टोलों और बसावटों में ग्रामीण सड़कें नहीं बनी हैं और उन्हें मुख्य सड़कों से नहीं जोड़ा गया है. ऐसी हालत में विभाग ने मोबाइल एेप के माध्यम से सर्वे और जांच कराने का निर्णय लिया. इस ऐप पर टोलों और बसावटों में ग्रामीण सड़कों के संबंध में फोटो सहित पूरी जानकारी अपलोड की जायेगी. इस आधार पर एस्टीमेट तैयार कर सड़कें बनायी जायेंगी.
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार राज्य के पांच लाख 22 हजार 537 बसावट और टोलों को संपर्कता देने के लिए 40 हजार 123 किमी सड़कों के निर्माण का लक्ष्य विभाग को दिया गया था. इसके विरुद्ध अब तक 39 हजार 556 बसावटों और टोलों में 20 हजार 805 किमी सड़कों का निर्माण हो चुका है.
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वहीं 12 हजार 458 बसावट और टोलों में 18 हजार 930 किलोमीटर सड़क बन रही है. इसके अलावा 48 हजार 938 किलोमीटर सड़कों के रखरखाव का काम शुरू किया गया था, जिसमें से अब तक 15 हजार 982 किलोमीटर लंबी सड़कों के रखरखाव काम पूरा हो चुका है.