पटना : अब मोबाइल पर घरों से कचरा लेनेवाली गाड़ी के लोकेशन का पता चलेगा. कचरा का उठाव होने पर इसकी जानकारी घरवालों को मिल जायेगी. इसके लिए शहर में 3.5 लाख निजी व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की दीवार पर विशेष क्यूआर टैग लगेगा. लोगों की शिकायत सुनने व उसके समाधान के लिए कंट्रोल रूम व मॉनीटरिंग सेंटर की स्थापना की जायेगी.
एप से कचरा गाड़ियों के लोकेशन, कचरा शुल्क भुगतान, वार्ड के सफाई निरीक्षक व ड्राइवर से जुड़ी जानकारी प्राप्त होगी. बुधवार को पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड की प्रतिक्षित परियोजना इंटेलिजेंट सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट (ISWM) परियोजना पर काम करने को स्मार्ट सिटी लिमिटेड व टेकइंफी एजेंसी के प्रतिनिधियों के बीच करार हुआ. परियोजना पर दिसंबर तक काम पूरा होना है. परियोजना पर 13 करोड़ खर्च होंगे. मौके पर नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा, स्मार्ट सिटी लिमिटेड के मैनेजर राजीव कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.
गाड़ियों में लगेगा जीपीएस : निगम की सभी गाड़ियों हाइवा, स्वीपिंग मशीन, कचरा गाड़ी आदि में जीपीएस लगेगा. ताकि, किसी भी वक्त उनका लोकेशन ट्रैक किया जा सकता है. साथ ही घरों की टैगिंग होगी. वहीं, वार्ड के सफाई निरीक्षकों को क्यूआर कोड रीडर अथवा स्मार्टफोन उपलब्ध कराया जायेगा. घर से कचरा उठाने के उपरांत उस घर की दीवार पर लगे क्यूआर टैग को निरीक्षक की ओर से स्कैन किया जायेगा. कोड स्कैनिंग की प्रक्रिया पूर्ण होते ही घर के मालिक के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर फौरन कचरा उठा लिये जाने का एसएमएस जायेगा.
बनेगा कंट्रोल रूम : परियोजना के अंतर्गत पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से एक डाटा सेंटर, कंट्रोल रूम व मॉनीटरिंग सेंटर बनेगा.
posted by ashish jha