संवाददाता,पटना शिक्षा विभाग ने निर्णय लिया है कि राज्य के विश्वविद्यालयों के शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मियों की भांति कुलपति, कुलसचिव ,वित्तीय परामर्शी और वित्त पदाधिकारियों के वेतन का सत्यापन अनिवार्य रूप से कराया जायेगा. यह देखते हुए कि ये पद भी शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मियोंं की भांति ही हैं. इस आशय के आदेश शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव ने जारी कर दिये हैं. दरअसल शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किये हैं कि नवनियुक्त / पुनर्नियुक्त (सेवानिवृत्त सहित) सहित सभी श्रेणी के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मियों का वेतन सत्यापन अनिवार्य रूप से कराया जाना जरूरी है. वेतन सत्यापन के बाद ही इन सभी पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों के वेतन का भुगतान किया जायेगा. अभी तक केवल पुराने शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मियों के ही वेतन का सत्यापन होता रहा है. नवनियुक्त शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मियों के निर्धारित वेतन का सत्यापन इस आदेश के जारी होने से पहले तक नहीं किया जा रहा था. साथ ही यह भी पाया गया कि अभी तक कुलपति, कुलसचिव ,वित्तीय परामर्शी और वित्त पदाधिकारियों के वेतन का सत्यापन सामान्य तौर पर नहीं हो रहा है. इस तरह शिक्षा विभाग ने वित्तीय अनुशासन बनाने के लिए वेतन सत्यापन की कवायद को और व्यापक बना दिया है. आधिकारिक जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग के तहत वेतन सत्यापन कोषांग काम कर रहा है. इस कोषांग की जिम्मेदारी है कि प्रथम नियुक्ति, प्रोन्नति, वेतन वृद्धि, स्थानांतरण, सेवानिवृत्ति और अन्य मामले जिनमें निर्धारित वेतन का सत्यापन जरूरी हो का वेतन सत्यापन करे.
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