बिहार में शिक्षक बनने से पहले दहेज के खिलाफ शपथ, ट्वीटर पर पूछ रहे अभ्यर्थी- जो ले लिये उसका क्या…
बिहार में शिक्षक बनने से पहले युवाओं को दहेज नहीं लेने या देने का घोषणा पत्र देना अनिवार्य है. अब ट्वीटर पर इसे लेकर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रिया दी जा रही है. अभ्यर्थी इसको लेकर तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं.
शिक्षक नियोजन में दहेज नहीं लेने या नहीं देने का घोषणा पत्र ट्विटर पर वॉयरल हो रहा है. अभ्यर्थी इसको लेकर तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं. अभ्यर्थी सीएम, शिक्षा मंत्री व विभागीय अधिकारियों को टैग कर पूछ रहे हैं कि जो पहले ही दहेज ले या दे चुके हैं, उनके लिए अलग घोषणा पत्र होना चाहिए.
अभ्यर्थी मधुलिका कुमारी ने पूछा कि क्या दहेज वाला घोषणा पत्र हम बहनों को भी देना होगा. इस पर तमाम अभ्यर्थियों ने उसे टैग कर कमेंट किया. किम्मी काजल ने लिखा है कि जिसने पहले से दहेज ले रखा है, उसके लिए कौन-सा घोषणा पत्र होगा. राकेश यादव ने लिखा है कि लड़कियों की ओर से दहेज संबंधी घोषणा पत्र में थोड़ा मोडिफिकेशन होना चाहिये था. लिखना चाहिये कि दहेज नहीं लेने वाले से शादी करेंगी और दहेज लेने वाले पर एक्शन लेंगी.
प्रारंभिक विद्यालयों में योगदान से पहले युवाओं को दहेज नहीं लेने या नहीं देने का घोषणा पत्र देना होगा. राज्य में चल रहे दहेज विरोधी अभियान के तहत नवनियुक्त शिक्षकों के लिए घाेषणा पत्र देना आवश्यक होगा. नियोजन इकाई के सचिव के स्तर से चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी किया जायेगा. साथ ही विद्यालय में योगदान के लिए 30 दिनों का समय दिया जायेगा.
प्राइमरी व मिडिल स्कूल के रिक्त पदों के लिए पंचायत, प्रखंड व नगर निकाय नियोजन इकाई में तीन चरण की काउंसेलिंग में चयनित अभ्यर्थियों को 25 फरवरी तक नियुक्ति पत्र दिया जायेगा. हालांकि प्रखंड व नगर निकाय नियोजन इकाई की ओर से नियुक्ति पत्र जारी करने के तीन दिन पहले अभ्यर्थियों से विद्यालय के लिए च्वॉइस लिया जाना है. नियुक्ति पत्र मिलने के बाद 30 दिन के अंदर अभ्यर्थी को आवंटित विद्यालय में योगदान करना होगा.
योगदान के समय विद्यालय में सभी शैक्षणिक, प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र व अंकपत्र के साथ ही बीइटीइटी या सीटीइटी के रिजल्ट कार्ड की स्वअभिप्रमाणित कॉपी प्रधानाध्यापक या प्रधान शिक्षक के समक्ष प्रस्तुत करना होगा. इसके साथ एक शपथ पत्र देना होगा कि सभी प्रमाण पत्र सही है.
शपथ पत्र गलत पाये जाने पर नियोजन पदाधिकारी के द्वारा नियुक्ति रद्द कर दी जायेगी और कानूनी कार्रवाई की जायेगी. इसके साथ ही सीएस के स्तर से जारी मेडिकल सर्टिफिकेट के साथ ही दहेज नहीं लेने या नहीं देने का घोषणा पत्र भी देना होगा.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan