बिहार में साल के पहले दिन पकड़े गए 776 शराबी, दिसंबर के अंतिम पखवारे में प्रतिदिन हुई 1100 गिरफ्तारी
मद्यनिषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी ने बताया कि सूबे में 80 जगहों पर बनाये गये अंतरराज्यीय व अंतरजिला चेकपोस्टों पर चल रही जांच के चलते शराब की जब्ती बढ़ी है. इन चौकियों पर हर दिन 10 हजार से अधिक वाहनों की जांच हो रही है.
पटना. नये साल के जश्न में शराब की खपत पर रोकथाम को लेकर बिहार पुलिस और मद्यनिषेध विभाग द्वारा की गयी तैयारियों का असर दिखा है. इसके चलते दिसंबर के अंतिम पखवारे में रिकॉर्ड करीब 1.80 लाख बल्क लीटर शराब बरामदगी की गयी. यह पूरे माह में बरामद हुई शराब का करीब 90 फीसदी है. इस अवधि में दोनों विभागों ने मिल कर प्रतिदिन औसतन 4200 छापेमारी की, जिसमें 578 मामले दर्ज करते हुए 1100 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया. इस दौरान प्रतिदिन 12 हजार लीटर शराब जब्त करते हुए औसतन 55 वाहनों की जब्ती की गयी. सिर्फ मद्यनिषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने एक जनवरी को 265 बेचने वाले और 775 पीने वाले सहित 1040 आरोपितों की मद्यनिषेध अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया.
चौकियों पर हर दिन 10 हजार से अधिक वाहनों की जांच
मद्यनिषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी ने बताया कि सूबे में 80 जगहों पर बनाये गये अंतरराज्जीय व अंतरजिला चेकपोस्टों पर चल रही जांच के चलते शराब की जब्ती बढ़ी है. इन चौकियों पर हर दिन 10 हजार से अधिक वाहनों की जांच हो रही है. इसका सकारात्मक प्रभाव शराबबंदी के साथ ही अपराध की रोकथाम पर भी पड़ा है.
सजा दिलाने की दर 99 फीसदी पहुंची
आयुक्त ने बताया कि मद्यनिषेध अधिनियम के तहत दर्ज मामलों में सजा दिलाने की दर (कंविक्शन रेट) पिछले चार महीनों के दौरान 99 फीसदी रही. गिरफ्तार 100 में 99 आरोपित दोषी करार दिये गये. इसके पीछे एक बड़ी वजह है कि एक अप्रैल से लागू संशोधित कानून में धारा 37 के तहत शराब पीने के आरोप में जुर्माना देकर छूटने वाले आरोपित भी दोषी माने जाते हैं. उन्होंने बताया कि 31 दिसंबर तक दर्ज शराबबंदी के कुल मामलों में 1.44 लाख का ट्रायल शुरू हो चुका है. इनमें 1.05 लाख का ट्रायल पूर्ण कर अब तक 986 व्यक्तियों को दोषमुक्त, जबकि 99561 को सजा दी गयी है.