पटना के प्रसिद्ध चिकित्सक रहे डॉ शिवनारायण सिंह का फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र बनाकर जालसाजों ने उनकी सात एकड़ जमीन बेच दी है. इस मामले में झारखंड के देवघर के नगर थाने से पहुंची पुलिस टीम ने सोमवार को बोचहां के ककराचक गांव में छापेमारी कर एक आरोपित राम चरित्र सिंह को गिरफ्तार किया.
टीम ने करीब तीन घंटे तक गांव में छापेमारी की. लेकिन, बाकी सात आरोपित अपने-अपने घर से फरार मिले. उन सभी के नाम का वारंट देवघर पुलिस ने बोचहां थाने में रिसिव कराया है. कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड लेने के बाद देवघर पुलिस रामचरित्र सिंह को लेकर लौट गयी. बोचहां के थानेदार अरविंद कुमार ने देवघर पुलिस की छापेमारी की पुष्टि की. मालूम हो कि इस कांड में देवघर के आरोपित अजय कुमार देवघर जेल में बंद है.
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, डॉ शिव नारायण सिंह की बोचहां में सात एकड़ जमीन थी. इस जमीन को फर्जीवाड़े से बेचने का आरोप है. जमीन की रजिस्ट्री के समय फर्जी डॉ शिव नारायण सिंह को खड़ा करके रजिस्ट्री करायी गयी. फर्जी जमीन रजिस्ट्री को लेकर मुजफ्फरपुर नगर थाने में एफआइआर दर्ज करायी गयी, तो बचाव में जमीन कारोबारियों ने डॉ शिवनारायण सिंह की 26 जून, 2006 में मौत होने की बात बताकर देवघर नगर निगम से 11 मार्च, 2017 को एक मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाया.
इस मृत्यु प्रमाणपत्र के फर्जी होने का दावा किया गया, तो जांच के बाद देवघर नगर थाने में फर्जीवाड़े की एफआइआर दर्ज की गयी. इसमें देवघर नगर निगम के कर्मचारी से लेकर बोचहां के 13 लोगों को आरोपित बनाते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इनमें बोचहां के आठ लोग आरोपित हैं.
बताया जाता है कि डॉ शिवनारायण सिंह का देहांत 23 दिसंबर, 1991 को पटना में हुआ था, जिसका मृत्यु प्रमाणपत्र 25 दिसंबर, 1991 को ही पीएमसीएच से बना था. उनके बेटे डॉ आशीष नारायण सिंह का भी तीन साल पहले निधन हो गया है. वह बेतिया मेडिकल काॅलेज में कार्यरत थे. उन्होंने वीआरएस ले लिया था.
Posted By: Thakur Shaktilochan