ग्राम कचहरी में हर साल एक लाख केसों का निबटारा

बिहार की ग्राम कचहरियों को मिले अधिकार के तहत विवादों का त्वरित निबटारा किया जा रहा

By Prabhat Khabar News Desk | December 1, 2024 12:52 AM

शशिभूषण कुंवर, पटनाबिहार की ग्राम कचहरियों को मिले अधिकार के तहत विवादों का त्वरित निबटारा किया जा रहा है. राज्य भर में स्थापित 8053 ग्राम कचहरियों द्वारा हर साल एक लाख से अधिक मुकदमों का निबटारा किया जा रहा है. इसमें दीवानी और फौजदारी दोनों मुकदमे शामिल हैं. पंचायती राज विभाग द्वारा पंचायत इ-ग्राम कचहरी पोर्टल के माध्यम से सरपंच, पंच, न्यायमित्र एवं कचहरी सचिव के क्षमता वर्धन का परिणाम है कि पिछले दो वर्षों के दौरान राज्यभर की ग्राम कचहरियों की न्यायपीठ द्वारा दो लाख 39 हजार 986 मुकदमों का निबटारा किया गया है. पंचायती राज मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता ने बताया कि पंचायत इ ग्राम कचहरी प्रणाली को लागू करने वाला देश का पहला और एकमात्र राज्य है बिहार है. पंचायती राज विभाग द्वारा ग्राम कचहरी की अवधारणा को मूर्त रूप दिया गया है. ग्राम कचहरी द्वारा दो वर्षों में 130868 दीवानी और 109118 फौजदारी मामलों का निबटारा किया गया. ग्राम कचहरियों द्वारा दीवानी के 93.69 प्रतिशत जबकि फौजदारी के 94.18 प्रतिशत मुकदमों का निबटारा किया गया. लंबित मामलों का निबटारा करने के लिए सरकार द्वारा इ-ग्राम कचहरी कोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम का आरंभ किया गया है.

ग्राम कचहरियों में होती है सुनवाई

पंचायती राज अधिनियम में ग्राम कचहरी को दो तरह की अधिकारिता दी गयी है. इनमें मुख्य रूप से विधि के विरूद्ध जमाव को हटाने का आदेश, बलवा करने के लिए उकसाना, दंगा करने के लिए उकसाना एवं दंगा करना, सम्मन की तामिल से फरार हो जाना, लोक सेवक का आदेश न मानकर गैर हाजिर रहना, शपथ से इनकार करना, लोक सेवक को उत्तर देने से इनकार करना, जलाशय को कलुषित करना, लोगो मार्ग में बाधा पहुंचाना, विस्फोटक पदार्थ और जीव-जन्तु के संबंध में उपेक्षापूर्ण आचरण, अश्लील कार्य एवं गाने गाना एवं लौटरी कार्यालय रखना, अपराधिक बल का प्रयोग करना, किसी व्यक्ति का गलत ढंग से रोक रखने में आपराधिक बल का प्रयोग करने जैसे मामले की सुनवाई करनी है.

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