एक बहन जीती, दूसरी को हार का करना पड़ा सामना लालू प्रसाद की दो बेटियां लड़ रही थीं चुनाव पटना. राजद प्रमुख लालू प्रसाद की दो बेटियों में से एक चुनाव जीत सकीं और दूसरी को हार का सामना करना पड़ा। लालू प्रसाद के ”हनुमान” रहे रामकृपाल यादव को मीसा भारती ने पाटलिपुत्र सीट से पराजित किया. मालूम हो कि राजद का टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर रामकृपाल यादव 2014 में राजद का साथ छोड़ भाजपा में शामिल हो गये थे. भाजपा ने उन्हें टिकट दिया. वह चुनाव जीते और केंद्र में मंत्री भी बने. दूसरी बार उनका मुकाबला मीसा भारती से हुआ और उस बार भी उन्होंने जीत हासिल की थी. मीसा भारती फिलहाल राजद की ओर से राज्यसभा की सदस्य भी हैं. उनकी छोटी बहन रोहिणी आचार्य को इस बार लालू प्रसाद ने सारण लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा था. यहां उनका मुकाबला भाजपा के राजीव प्रताप रूडी के साथ था. सारण में दोनों उम्मीदवारों के बीच काफी कड़ा मुकाबला माना जा रहा था. अंत-अंत तक वोटों का अंतर काफी कम रहने की वजह से संशय की स्थिति बनी हुई थी. पर बाजी राजीव प्रताप रूडी ने मारी. उन्होंने करीब सोलह हजार मतों ने अंतर से रोहिणी आचार्य को शिकस्त दी. रोहिणी की जीत के लिए लालू प्रसाद ने खुद छपरा में कैंप किया था. लोगों से मिले थे. मालूम हो कि 1977 के संसदीय चुनाव में लालू प्रसाद ने इस सीट से जीत हासिल कर अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी. रोहिणी तब सुर्खियों में आयी थीं जब उन्होंने अपने पिता को अपनी किडनी दी थी. लालू प्रसाद की किडनी ट्रांसप्लांट हुई है. रोहिणी सोशल मीडिया में अपने पोस्ट के लिए भी जानी जाती हैं.
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