जमीन संबंधी कई दस्तावेजों में होंगे ऑनलाइन सुधार

परिमार्जन प्लस साॅफ्टवेयर के अगले चरण में जमीन संबंधी दस्तावेजों में कई तरह का सुधार ऑनलाइन हो सकेगा.

By Prabhat Khabar News Desk | June 12, 2024 12:42 AM

संवाददाता, पटना परिमार्जन प्लस साॅफ्टवेयर के अगले चरण में जमीन संबंधी दस्तावेजों में कई तरह का सुधार ऑनलाइन हो सकेगा. इससे लोगों को अंचल कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने होंगे. साथ ही समय और ऊर्जा की बचत होगी. इस सॉफ्टवेयर में फिलहाल पुरानी ऑनलाइन जमाबंदियों में सुधार करने और छूटी हुई प्रविष्टियों को दर्ज करने का विकल्प दिया गया है. अब नई व्यवस्थाओं के तहत ऑनलाइन दाखिल-खारिज प्रक्रिया शुरू होने के बाद जमाबंदी में त्रुटि रहने पर उसमें सुधार का विकल्प दिया गया है. इसके साथ ही किसी मौजा की जमाबंदी का किसी अन्य मौजा में ऑनलाइन किए जाने संबंधी मामलों में भी सुधार का विकल्प दिया गया है. वहीं दो या दो से अधिक मौजों की जमाबंदी का गलती से एक ही मौजा में ऑनलाइन किए जाने संबंधी त्रुटि में सुधार भी किया जा सकता है. सूत्रों के अनुसार बिहार भूमि पोर्टल पर डिजिटाइज्ड नहीं किए गए जमाबंदियों को ऑनलाइन करने की समस्या भी है. इसके तहत दो तरह के मुख्य मामले आते हैं. पहला मामला है कि मूल जमाबंदी पंजी में जमाबंदी कायम है, लेकिन उसका डिजिटाइजेशन नहीं हो पाया है. साथ ही दूसरा मामला यह है कि मूल जमाबंदी पंजी में ही जमाबंदी कायम नहीं है. इन दोनों समस्याओं समेत उक्त वर्णित सभी त्रुटियों में सुधार की सुविधा नई व्यवस्था के तहत की जानी है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की आईटी शाखा ने इससे संबंधित अपनी तैयारी पूरी कर ली है और सॉफ्टवेयर में आवश्यक बदलाव कर लिया है. गौरतलब है कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने हाल ही में परिमार्जन प्लस नाम से पोर्टल लांच किया है. इस पोर्टल के द्वारा जमाबंदी पंजी के ऑनलाइन डिजिटाइजेशन के दौरान कतिपय जमाबंदियों में रैयतों के नाम, पिता के नाम, जाति, पता, खाता, खेसरा, रकबा और लगान आदि से संबंधित विवरणी में अशुद्धियों या त्रुटियों सहित कई जमाबंदियों में खाता, खेसरा, रकबा, चौहद्दी एवं लगान दर्ज नहीं होने पर उनको अद्यतन करने का प्रावधान किया गया है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री डॉ दिलीप कुमार जायसवाल ने कहा कि सुधारों की प्रक्रिया शुरू की गई है. विभाग को आमलोगों के प्रति जवाबदेह बनाने को लेकर हम कृत संकल्पित हैं. नई व्यवस्था में जमाबंदी के डिजिटाइजेशन के दौरान हुई सभी प्रकार की त्रुटियों के समाधान की व्यवस्था कर दी गई है. इससे किसानों और रैयतों को घर बैठे अपनी समस्याओं का समाधान मिल पाएगा.

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