संवाददाता, पटना
पटना व्यवहार न्यायालय में वकीलों की सुविधा के लिए तैयार किये जा रहे जिला अधिवक्ता संघ भवन का निर्माण कार्य काफी धीमी गति से चल रहा है. इस बहुमंजिली इमारत के शिलान्यास के सात माह बाद 25 प्रतिशत तक ही निर्माण कार्य पूरा हुआ है. बहुमंजिली इमारत का बेस और ग्राउंड फ्लोर के पिलर तैयार किये गये हैं. ग्राउंड फ्लोर के छत की ढलाई के लिए शटरिंग की जा रही है. जिला अधिवक्ता संघ के कोषाध्याक्ष विजय कृष्ण तिवारी ने बताया कि भवन निर्माण कार्य एक वर्ष में पूरा किये जाने का लक्ष्य रखा गया है. लेकिन, अब तक 25 प्रतिशत कार्य ही पूरा हुआ है. 21 करोड़ रुपये की लागत से अधिवक्ताओं के बैठने के लिए भवन और चैंबर निर्माण किया जाना है. 30,920 वर्गमीटर क्षेत्रफल में तैयार की जा रही यह इमारत जी प्लस 3 होगी. इधर सात में जिस तरह से निर्माण का कार्य हुआ है ऐसे में समय पर निर्माण होने पर संशय बरकरार है. हालांकि बचे समय में इसे पूरा करने का दावा किया जा रहा है. अभी अधिवक्ताओं को होती है परेशानी जिला अधिकवक्ता संघ के सदस्यों ने बताया कि भवन की कमी की वजह से अधिवक्ताओं को प्रतिदिन समस्याओं का सामना करना पड़ता है. व्यवहार न्यायालय में करीब तीन हजार अधिवक्ता और प्रशिक्षु अधिवक्ता कार्यरत हैं. लेकिन, उनके बैठने के लिए कर्कट शेड से तैयार किये गये चैंबर में 150 से अधिक अधिवक्ता नहीं बैठ सकते हैं. शेड में वकीलों की सुविधा के लिए कोई खास व्यवस्था नहीं की गयी है. व्यवहार न्यायालय में बड़ी संख्या में अधिवक्ता बांस की चचरी से बने कक्ष में ही कार्य करने को मजबूर हैं. नये भवन में एक हॉल, लाइब्रेरी और कैंटीन सहित लोगों के बैठने की भी व्यवस्था की जायेगी. नये भवन में तैयार किये जा रहे हॉल में एक साथ करीब 200 लोग बैठ सकेंगे. इसके अलावा अलग-अलग फ्लोर पर अधिवक्ताओं की सुविधा का ख्याल रखते हुए चैंबर तैयार किये जायेंगे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है