शराब व ताड़ी का धंधा छोड़ने वाले 96693 परिवारों की गरीबी हुई दूर
शराब व ताड़ी का धंधा छोड़ने वाले वाले राज्य के 96693 परिवारों की अत्यंत निर्धनता दूर हो गयी है. राज्य सरकार की सतत् जीविकोपार्जन योजना से इन परिवारों की आर्थिक तरक्की हुई है.
– कटिहार, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सहरसा, दरभंगा, गया, मधेपुरा, नालंदा, समस्तीपुर, पूर्वी चंपारण के सर्वाधिक परिवारों की स्थिति सुधरी
– सतत जीविकोपार्जन योजना का लाभ लेकर शराब-ताड़ी की जगह उद्यमिता की दुकानें खोलीं
मनोज कुमार, पटनाबिहार में शराब और ताड़ी बंद होने के बाद इन व्यवसायों में जुड़े परिवारों की आजीविका बाधित हो गयी थी. सरकार की ओर से रोजगार के लिए इन्हें ऋण दिया गया. ऋण के पैसे से इन परिवार के सदस्यों ने किराना, शृंगार की दुकानें खोलीं. मवेशी व मुर्गीपालन किया. आटा व चक्की मिल चलायी. इससे उनकी तत्काल प्रभावित आजीविका पटरी पर आयी.
2027 के लिए योजना विस्तारित, 30 अरब होंगे खर्च
वर्ष 2018-19 में तीन वर्षों के लिए योजना लागू की गयी थी. अब इस साल इस योजना को 2024-27 तक के लिए विस्तारित कर दी गयी है. इस योजना पर कुल 30 अरब 32 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली है. सरकार की ओर से वर्षवार खर्च के लिए राशि आवंटित की जा रही है. रोजगार के लिए अब दो लाख रुपये मिलेंगे इस योजना के तहत चिह्नित परिवारों को अब रोजगार के लिए दो लाख रुपये मिलेंगे. पहले ये राशि एक लाख रुपये ही थी. वित्तीय वर्ष 2024-25 में इस योजना के लिए 50 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये हैं. इस राशि की निकासी और व्यय की भी स्वीकृति दे दी गयी है. जिला -इतने परिवार गरीबी से बाहर निकले अररिया 2252 अरवल 1343 औरंगाबाद 2045 बांका 1788 बेगूसराय 2960 भागलपुर 2377 भोजपुर 2200 बक्सर 2022 दरभंगा 4005 गया 3955 गोपालगंज 2082 जमुई 1168 जहानाबाद 2043 कैमूर 1809 कटिहार 5146 किशनगंज 1343 लखीसराय 1081 मधेपुरा 2473 मधुबनी 5674 मुंगेर 2148 मुजफ्फरपुर 4644 नालंदा 2534 नवादा 2315 पश्चिम चंपारण 1772 पटना 2453 पूर्वी चंपारण 2746 पूर्णिया 2723 रोहतास 2034 सहरसा 4833 समस्तीपुर 3046 सारण 2530 शेखपुरा 846 शिवहर 1394 सीतामढ़ी 2701 सीवान 2022 सुपौल 3338 वैशाली 3009डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है