शराब व ताड़ी का धंधा छोड़ने वाले 96693 परिवारों की गरीबी हुई दूर

शराब व ताड़ी का धंधा छोड़ने वाले वाले राज्य के 96693 परिवारों की अत्यंत निर्धनता दूर हो गयी है. राज्य सरकार की सतत् जीविकोपार्जन योजना से इन परिवारों की आर्थिक तरक्की हुई है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 20, 2025 1:08 AM

– कटिहार, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सहरसा, दरभंगा, गया, मधेपुरा, नालंदा, समस्तीपुर, पूर्वी चंपारण के सर्वाधिक परिवारों की स्थिति सुधरी

– सतत जीविकोपार्जन योजना का लाभ लेकर शराब-ताड़ी की जगह उद्यमिता की दुकानें खोलीं

मनोज कुमार, पटना

शराब व ताड़ी का धंधा छोड़ने वाले वाले राज्य के 96693 परिवारों की अत्यंत निर्धनता दूर हो गयी है. राज्य सरकार की सतत् जीविकोपार्जन योजना से इन परिवारों की आर्थिक तरक्की हुई है. कटिहार, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सहरसा, दरभंगा, गया, मधेपुरा, नालंदा, समस्तीपुर, पूर्वी चंपारण में सबसे अधिक परिवार निर्धनता से बाहर आये हैं. इनमें एससी-एसटी व अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लाभुक सबसे अधिक हैं. ग्रामीण विकास विभाग के अनुसार, राज्यभर में इस योजना के कुल 2 लाख 1 हजार 218 लाभार्थी हैं. इनमें 1 लाख 83 हजार 084 ग्रामीण और 18 हजार 134 शहरी लाभार्थी हो गये हैं.

ऋण के पैसे से सुधारी अपनी स्थिति

बिहार में शराब और ताड़ी बंद होने के बाद इन व्यवसायों में जुड़े परिवारों की आजीविका बाधित हो गयी थी. सरकार की ओर से रोजगार के लिए इन्हें ऋण दिया गया. ऋण के पैसे से इन परिवार के सदस्यों ने किराना, शृंगार की दुकानें खोलीं. मवेशी व मुर्गीपालन किया. आटा व चक्की मिल चलायी. इससे उनकी तत्काल प्रभावित आजीविका पटरी पर आयी.

2027 के लिए योजना विस्तारित, 30 अरब होंगे खर्च

वर्ष 2018-19 में तीन वर्षों के लिए योजना लागू की गयी थी. अब इस साल इस योजना को 2024-27 तक के लिए विस्तारित कर दी गयी है. इस योजना पर कुल 30 अरब 32 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली है. सरकार की ओर से वर्षवार खर्च के लिए राशि आवंटित की जा रही है.

रोजगार के लिए अब दो लाख रुपये मिलेंगे

इस योजना के तहत चिह्नित परिवारों को अब रोजगार के लिए दो लाख रुपये मिलेंगे. पहले ये राशि एक लाख रुपये ही थी. वित्तीय वर्ष 2024-25 में इस योजना के लिए 50 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये हैं. इस राशि की निकासी और व्यय की भी स्वीकृति दे दी गयी है.

जिला -इतने परिवार गरीबी से बाहर निकले

अररिया 2252

अरवल 1343

औरंगाबाद 2045

बांका 1788

बेगूसराय 2960

भागलपुर 2377

भोजपुर 2200

बक्सर 2022

दरभंगा 4005

गया 3955

गोपालगंज 2082

जमुई 1168

जहानाबाद 2043

कैमूर 1809

कटिहार 5146

किशनगंज 1343

लखीसराय 1081

मधेपुरा 2473

मधुबनी 5674

मुंगेर 2148

मुजफ्फरपुर 4644

नालंदा 2534

नवादा 2315

पश्चिम चंपारण 1772

पटना 2453

पूर्वी चंपारण 2746

पूर्णिया 2723

रोहतास 2034

सहरसा 4833

समस्तीपुर 3046

सारण 2530

शेखपुरा 846

शिवहर 1394

सीतामढ़ी 2701

सीवान 2022

सुपौल 3338

वैशाली 3009

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