पटना: केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने गांधी सेतु के समानांतर बनने वाले नये फोरलेन पुल का टेंडर खोल दिया है. सात कंपनियों ने इस टेंडर को भरा था जिन्हें मंत्रालय ने स्वीकार कर लिया है. अब इनका तकनीकी मूल्यांकन किया जायेगा और इसके बाद निर्माण एजेंसी का चयन इसी महीने होने की संभावना है.
करीब 2927 करोड़ की लागत से 14.50 किमी लंबे इस सेतु सह एप्रोच का निर्माण अक्तूबर से शुरू होकर मार्च, 2024 में पूरा होने की संभावना है. सूत्रों का कहना है कि इस टेंडर से पहले निकाले गये टेंडर में मंत्रालय ने सात कंपनियों का चयन किया था. बाद में मंत्रालय ने सभी कंपनियों को टेंडर रद्द करने की सूचना देते हुए फिर से टेंडर में शामिल होने को कहा था. 27 जुलाई को टेंडर खोलने की तिथि रखी गयी थी.
सूत्रों का कहना है कि चीनी पार्टनर वाली भारतीय कंपनियों से पार्टनर बदलकर टेंडर में शामिल होने के लिए कहा गया था. उस समय चयनित सात कंपनियों में से दो कंपनियों ने चीनी कंपनी को अपना पार्टनर बनाया था. वर्तमान गांधी सेतु के 38 मीटर पश्चिम की तरफ बनने वाले इस सेतु का निर्माण करने वाली एजेंसी ही अगले 10 वर्षों तक मेंटेनेंस भी करेगी.
कुल 14.5 किमी लंबे इस सेतु के गंगा पर पुल की लंबाई 5.63 किमी है. पटना की तरफ एप्रोच रोड की लंबाई 3.38 किमी है जिसमें एक आरओबी समेत एलिवेटेड स्ट्रक्टर की लंबाई 1.56 किमी है. कंकड़बाग ओल्ड बाइपास के समीप से एलिवेटेड निर्माण शुरु होगा. साथ ही हाजीपुर की तरफ एप्रोच रोड की लंबाई 5.48 किमी है जिसमें एक फ्लाइओवर का निर्माण भी शामिल है.
डीबीएल एचसीसी जेवी, लार्सन एंड टब्रो लिमिटेड, गैमन, एसपी सिंगला, एबीएल इवार्सकान ज्वाइंट वेंचर, टाटा प्रोजेक्ट, एफकॉन्स
नये फोरलेन पुल के बन जाने व पुराने एमजी सेतु के फोरलेन को दुरुस्त होने से उत्तर व दक्षिण बिहार आने-जाने के लिए आठ लेन उपलब्ध होंगे. कुछ साल बाद इससे लोगों को यातायात में सुविधा और समय की बचत होगी.
नंदकिशोर यादव, पथ निर्माण मंत्री
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya