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बिहार के 32 जिलों में बिछाया जायेगा ऑप्टिकल फाइबर केबल, बनेंगे पांच हजार से ज्यादा वाइ-फाइ हॉट स्पॉट

गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत हो चुकी है. इसमें विभिन्न विभागों में पहले से चल रही योजनाओं को इस अभियान से जोड़ कर 125 दिन में पूरा करने का काम किया जाना है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 17, 2020 7:06 AM
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पटना: गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत हो चुकी है. इसमें विभिन्न विभागों में पहले से चल रही योजनाओं को इस अभियान से जोड़ कर 125 दिन में पूरा करने का काम किया जाना है. खास बात यह है कि इस अभियान में मनरेगा, ग्रामीण आवास आदि के अलावा राज्य के विभिन्न जिलों में लगाये जा रहे आॅप्टिकल फाइबर केबल और वाइ-फाइ हाट स्पॉट योजना का भी जोड़ कर लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

इस अभियान के कुल 32 जिलों में 757़ 87 किमी का फाइबर केबल बिछाया जाना है, जबकि पूर्व में मात्र 53 किमी का काम पूरा हुआ है. इसके अलावा इन्हीं जिलों में कुल पांच हजार तीन सौ 84 जगहों पर वाइ-फाइ हॉट स्पॉट भी बनाये जाने हैं, जो विभिन्न सरकारी भवनों में लगेंगे. कुल मिला कर इन पूर्व में संचालित चार लाख 46 हजार दौ सौ 37 छोटे-बड़े प्रोजेक्ट को लिया गया है. इसमें अब तक 71 हजार प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं, शेष काम इस अभियान के तहत 125 दिन के भीतर पूरा कर देना है.

पटना, गया, भागलपुर व मुजफ्फरपुर में काम तेज

इन अभियान में मनरेगा, ग्रामीण आवास योजना, कौशल प्रशिक्षण से लेकर अन्य विभागों की कई योजनाएं हैं. सबसे अधिक मनरेगा के 12 तरह के काम इस अभियान में जोड़े गये हैं. सभी कामों की मॉनीटरिंग व संचालन की जिम्मेदारी ग्रामीण विकास विभाग की है. विभाग के अनुसार पटना जिले में 16890 काम लिये गये हैं, जिसमें 3345 पूरे हो गये हैं. शेष को पूरा करना है. इसी प्रकार भागलपुर जिले में 8656 में 1841 प्रोजेक्ट पूरे हो गये हैं. शेष कार्य को पूरा करना है. मुजफ्फरपुर में 18689 में से 1897 को छोड़ कर व गया जिले में 23766 में से 3967 प्रोजेक्ट को छोड़ कर शेष कार्य को पूरा करना है.

एेसे मिलेगा लाभ : गरीब कल्याण रोजगार अभियान 32 जिलों में विभिन्न 12 विभागों के तालमेल के माध्यम से 125 दिनों तक 25 प्रकार के कार्यों पूरा करना है. इस अभियान के लिए भारत सरकार द्वारा समग्र रूप से 50 हजार करोड़ रुपये की साधन राशि की व्यवस्था की गयी है. एक पंचायत में 36 हजार मानव दिवस का रोजगार स्थानीय ग्रामीण जनता को प्राप्त हो सकेगा तथा इस पर लगभग 563 लाख रुपये से अधिक व्यय का अनुमान है.

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