पटना के 100 से अधिक कोचिंग सेंटरों को बंद करने का आदेश, दिल्ली हादसे के बाद एक्शन में प्रशासन
पटना के 100 से अधिक कोचिंग सेंटरों को बंद करने का आदेश जारी कर दिया गया है. दिल्ली हादसे के बाद प्रशासन ने ये फैसला लिया है.
पटना डीएम ने शुकवार को पटना में चल रहे 124 कोचिंग संस्थानों को बंद करने के आदेश दिये हैं. ये कोचिंग संस्थान ‘पंजीकरण के लिए अयोग्य’ पाये गये है. डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को समाहरणालय स्थित सभागार में बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण एवं विनियमन) अधिनियम, 2010 के तहत गठित जिला स्तरीय कोचिंग निबंधन समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया. इसके साथ ही इन 124 संस्थानों की सूची जिला प्रशासन के संबंधित अधिकारियों को भेज दी गयी है. अधिकारियों को यह सुनिश्चत करने को कहा गया है कि ये संस्थान अब संचालित न किये जाएं. बैठक में एसएसपी राजीव मिश्रा, डीइओ संजय कुमार, डीपीओ (स्थापना शिक्षा) राजकमल और समिति के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे.
10 दिनों में 508 कोचिंग संस्थानों की जांच
दरअसल, दिल्ली के एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट मे पानी भरने के बाद हुए हादसे के बाद से पटना में जिला प्रशासन ने कोचिंग संस्थानो को पंजीकरण कराने को कहा था. डीएम के निर्देश पर 10 दिनों मे 508 कोचिंग की जांच की गयी. साथ ही निबंधन के लिए 936 आवेदन मिले थे. इनमें से 413 का निबंधन पहले हो चुका है. शेष 523 आवेदनों में 138 की जांच हुई थी, जिसके बाद इन 138 कोचिंग को निबंधन के लिए अयोग्य पाया गया. इनमें से 14 कार्यरत नही थे और पंजीकरण के लिए अयोग्य पाये गये. बाकी 124 कोचिंग संस्थानो को बंद करने के आदेश जारी किये गये है.
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85 आवेदनों की जांच जारी
समिति के सदस्य सचिव डीइओ ने एजेंडावार प्रतिवेदन दिया. उन्होंने बताया कि 523 आवेदनों में से शेष 385 आवेदनों की जांच करायी जा रही है, जिनमें 46 का जांच प्रतिवेदन मिला है. शेष 339 आवेदनों की जांच प्रक्रियाधीन है. डीएम ने डीइओ को इनकी जांच जल्द पूरी कर आगे की कार्रवाई के लिए निबंधन समिति की बैठक बुलाने का निर्देश दिया.
तीन मानकों का पालन अनिवार्य
डीएम के अनुसार बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण एवं विनियमन) अधिनियम, 2010 के प्रावधानों के अनुसार कोचिंग संचालन के लिए तीन मानकों पर ध्यान देना अनिवार्य है. इनका उल्लंघन किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.
- कोई भी कोचिंग संस्थान बिना वैध निबंधन प्रमाण पत्र प्राप्त किये न तो स्थापित किया जायेगा और न चलाया जायेगा. कोचिंग संस्थान की आधारभूत संरचना के अधीन वर्ग कक्ष का न्यूनतम क्षेत्र प्रति छात्र न्यूनतम एक वर्ग मीटर होगा.
- क्लास में प्रवेश व निकास अवरोधमुक्त होना चाहिए. बिल्डिंग बायलॉज का पालन होना चाहिए.
- अग्नि सुरक्षा के मानकों का पालन होना चाहिए.
दो बार गलती के बाद निबंधन रद्द
बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण एवं विनियमन) अधिनियम, 2010 की धारा 6 (2) में दंड का प्रावधान किया गया है. अधिनियम के किसी प्रावधान का उल्लंघन करने पर प्रथम अपराध के लिए 25 हजार रुपये और द्वितीय अपराध के लिए एक लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है. द्वितीय अपराध के बाद निबंधन रद्द किये जाने का भी प्रावधान है.